कहाकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस संबंध में हमारी वार्ता हुई है। उन्होंने इसका संज्ञान लिया है और हजारों मजारों को चिन्हित कराया है, जो अवैध हैं। उनको तुड़वाया भी जा रहा है। अभी भी हजारों की संख्या में गांव, देहात, सड़कों के किनारे रेलवे व नदियों के किनारे न जाने कहां-कहां अवैध मजारे बनी हैं, इन सभी को हटाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहाकि उत्तराखंड देव भूमि है। यहां बद्रीनाथ, केदारनाथ जैसे दिव्य धाम हैं। गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदी हैं। हिमालय जैसा पवित्र पर्वत है, जहां तपस्वी साधकों ने योगियों ने धर्म और अध्यात्म की उच्चता को पाया है।
उन्होंने उत्तराखंड राज्य को सनातन हिंदू संस्कृति के लिए संरक्षित राज्य घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहाकि यहां सनातन हिंदू संस्कृति के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जाए। ऐसा कानून प्रदेश सरकार में आना चाहिए, तभी उत्तराखंड सुरक्षित रह सकेगा। कहाकि जिन्होंने भी अवैध रूप से मजार बनाई है या अवैध रूप से वह उत्तराखंड में रह रहे हैं, उन सब पर कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि महाराज ने कहाकि जिन विभागों की भूमि पर अवैध मजार बनी है, उनके अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।(एएमएपी)



