धड़ाम होती हिंदी फ़िल्में- यही हश्र  होता है बुरी फिल्मों का

जयंती रंगनाथन। पिछले हफ्ते और इस हफ्ते जितनी भी हिंदी फिल्में रिलीज हुई हैं, उन्हें आधी, एक या दो की रेटिंग मिली है। शमशेरा तो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट चुकी है। सच कहूं तो इसकी कहानी पढ़ने के बाद ओटीटी पर भी देखने की इच्छा नहीं रह गई।  इससे पहले आई शाबाश मिठ्टू … Continue reading धड़ाम होती हिंदी फ़िल्में- यही हश्र  होता है बुरी फिल्मों का