हिन्दू अकेला धर्म, जिसने उत्सव में प्रभु को देखने की चेष्टा की

(वसंत पंचमी पर विशेष) ओशो । अर्जुन ने पूछा है कि किन भावों में मैं आपको देखूं? कहां आपको खोजूं? कहां आपके दर्शन होंगे?   तब कृष्ण कहते हैं कि अगर तुझे मुझे स्त्रियों में खोजना हो तो कीर्ति में, श्री में, वाक् में, स्मृति में, मेधा में, धृति में और क्षमा में मुझे खोज लेना। … Continue reading हिन्दू अकेला धर्म, जिसने उत्सव में प्रभु को देखने की चेष्टा की