‘समंदर का राजा’ बनाम ‘वह बूढ़ा और सागर’

नाट्य समीक्षा। सत्यदेव त्रिपाठी। हिंदी नाट्य-जगत की अज़ीम शख़्सियत नादिरा ज़हीर बब्बर द्वारा निर्देशित एवं उनके विख्यात रंगसमूह ‘एकजुट’ के नये नाटक ‘समंदर का राजा’ का तीसरा प्रदर्शन मुम्बई के ‘पृथ्वी थिएटर्स’ में देखने का अवसर बना…। यह नाटक अर्नेस्ट हेमिंग्वे के 1952 में लिखित और 1953 में ‘पुलिस्जर’ तथा 1954 में ‘नोबल’ सम्मान से … Continue reading ‘समंदर का राजा’ बनाम ‘वह बूढ़ा और सागर’