रामसिया त्रिपाठी की ‘मेरी जीवन-यात्रा’-1
92 सालों की सीधी-सादी-सच्ची गवाही…. सत्यदेव त्रिपाठी। स्व. रामसिया त्रिपाठी लिखित आत्मकथा ‘मेरी जीवन-यात्रा’ को पढ़ने के बाद जो सबसे बड़ा सुखद ताज्जुब हुआ और जिससे सर्वाधिक चमत्कृत होना हुआ – फिर मुतासिर और अभिभूत भी हुआ, वह यह कि 92 सालों के जीये गये जीवन को 91वें साल में लिपिबद्ध करने में प्रवृत्त होना … Continue reading रामसिया त्रिपाठी की ‘मेरी जीवन-यात्रा’-1
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