101 चीजों की विदेशी खरीद रोकी, देश में ही बनाएंगे मिसाइलें, लड़ाकू हेलीकॉप्टर
-अजय विद्युत
रविवार 9 अगस्त को सुबह सुबह हलचल बढ़ गई जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से ट्वीट आया कि कुछ ही देर बाद सुबह दस बजे सिंह एक महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे। तमाम कोई घंटा दो घंटा तमाम किस्म की आशंकाएं, अनुमान न्यूज चैनलों पर तैरते रहे। बहरहाल इस सुखद घोषणा ने सबका उत्साह बढ़ाया कि केंद्र ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सैन्य उत्पादन बढ़ाने के लिए 101 रक्षा उपकरणों की विदेशों से खरीद पांच साल के लिए रोकने का फैसला किया है। यह रोक चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2020 से दिसंबर 2025 के बीच लागू होगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया कि प्रतिबंधित उपकरणों में तोप, असाल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल, परिवहन विमान, ड्रोन और तमाम अन्य उपकरण अब देश में ही बनेंगे। घरेलू खरीद छह-सात सालों में चार लाख करोड़ रुपये के ठेके घरेलू उद्योगों को दिए जा सकेंगे। इससे भारतीय उद्योग जगत के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
The ‘Atmanirbharta Saptah’ will be a witness to initiatives pertaining to modernisation & up-gradation of facilities by DPSUs & OFB. As part of Atmanirbharta Saptah, the DPSUs & OFB are also organising a series of webinars covering all relevant topics including all stakeholders.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 10, 2020
असर पर एक नजर:
- असॉल्ट राइफल, आर्टिलरी गन, रडार, हल्के जंगी हेलिकॉप्टर आदि भारत विदेशों से मंगाता था। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाते हुए भारत ने 101 रक्षा सामानों के आयात पर रोक का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था।
- ऐसा नहीं कि सेना को अब ये उपकरण नहीं मिल पाएंगे। बल्कि भारत अब अपनी जरूरत के इन सामानों और हथियारों को खुद बनाएगा।
- 101 उपकरणों और हथियारों की सूची में से 69 के आयात पर दिसंबर 2020 से ही रोक लग जाएगी।
- रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक को 2020 से 2024 के बीच धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि सेना की कार्यक्षमता प्रभावित न हो।
- भारत में रक्षा क्षेत्र (डिफेंस सेक्टर) में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे, क्योंकि इन सामानों का उत्पादन देश में ही होगा।
- अगले 6 से 7 साल में देश के घरेलू रक्षा उद्योग को 4 लाख करोड़ का ऑर्डर मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इस बार के रक्षा बजट में 52000 करोड़ की बड़ी राशि घरेलू बाजारों से रक्षा उपकरणों की खरीदारी के लिए रखी गई है।
- रक्षा मंत्री के अनुसार इसी को आगे बढ़ाते हुए 15 अगस्त को पीएम मोदी आत्मनिर्भर भारत की ओर एक नई लकीर खींचेंगे।
उद्योग जगत गदगद
नए रास्ते खुलेंगे : आत्मनिर्भर भारत के लिए नए रास्ते खुलेंगे। घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 52 हजार करोड़ रुपये की घोषणा के साथ ही आयात रोक के लिये 101 वस्तुओं की सूची से आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा मिला है
-भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी
ऐतिहासिक दिन : रक्षा और एयरोस्पेस में भारतीय उद्योग के लिए ऐतिहासिक दिन है। इससे भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग ऊपर उठेगा और चुनौती को पूरा करेगा।
-सीआईआई
बड़ी छलांग : यह रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लिए एक बड़ी छलांग है। रक्षा खरीद के मामले में लंबी अवधि की राह स्पष्ट किए जाने के फिक्की की रक्षा समिति के अनुरोध को पूरा किया गया है। उद्योग अब अपने पूंजीगत व्यय और उत्पादन क्षमता की योजना बना सकता है।
-फिक्की की रक्षा समिति के अध्यक्ष एसपी शुक्ला