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दुनिया भर में मीडिया का स्वरूप बदल रहा है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों की दुनिया में सोशल मीडिया यानी इंटरनेट के जरिए समाचार-विचार के विकल्प से पूरा खेल बदल रहा है। परम्परागत मीडिया को भी समझ में आ रहा है कि सोशल मीडिया भविष्य का मीडिया है। उसके कारण तो बहुत से हैं लेकिन दिन प्रतिदिन इसके बढ़ते प्रसार के कुछ मुख्य कारण हैं इसका सर्वसुलभ होना और परम्परागत मीडिया की तुलना में लागत बहुत कम होना। आप घर बैठकर अकेले भी इस माध्यम के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं।

ऐसे समय में मीडिया के इस विकल्प से दूर रहना कैसे संभव है। आपका अखबार डॉट कॉम (apkaakhbar.com) चंद सहयोगियों और मित्रों की मदद (आर्थिक नहीं) से शुरू किया गया है। दुनिया भर की खबरें देने और पहले देने की दौड़ में हम शामिल नहीं हैं। उसके दो कारण हैं। एक, हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है और दूसरा, उसके लिए जितने संसाधन चाहिए वह हमारी सामर्थ्य के बाहर हैं। इसलिए हमने उस रास्ते को चुना जो हम जानते हैं।

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