एमएस धोनी यानी एक उत्कृष्ट क्रिकेट खिलाड़ी के साथ साथ एक सबसे कामयाब कप्तान। जिसके नेतृत्व में भारत ने टी20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता। एक अत्यंत कामयाब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को अलविदा कहने के बावजूद एक कसक है जो गले में फांस की तरह चुभी हुई है।


 

धोनी पिछले साल हुए वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद से ही क्रिकेट के मैदान से दूर थे। पिछले साल जुलाई में मिली उस हार ने करोड़ों भारतीयों का दिल तोड़ दिया था। खुद धोनी भी टूट गए थे और रन आउट होने के बाद भारी कदमों से पवेलियन लौटे थे। धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को टी20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जरूर दिलाया। इतने शानदार करियर के बावजूद एक टीस या मलाल है जो उनका पीछा नहीं छोड़ रहा। वो मलाल है न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में डाइव न लगा पाने का। खुद धोनी भी इस पर खुलकर बोल चुके हैं। सेमीफाइनल में धोनी सिर्फ कुछ इंच से चूक गए थे और उनके आउट होते ही वर्ल्ड कप में भारत का सफर थम गया। इसी साल एक इंटरव्यू में धोनी ने कहा था कि उन्हें अभी तक इस बात का दुख है कि वे डाइव लगा सकते थे, मगर नहीं लगा पाए। धोनी ने कहा कि वह खुद से कहते हैं, क्यों मैंने डाइव नहीं लगाई। क्रीज से सिर्फ दो इंच तो दूर था। एमएस धोनी तुम्हें डाइव लगानी चाहिए थी।

दरअसल वर्ल्ड कप के ग्रुप दौर में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा था। 9 जुलाई 2019 को सेमीफाइनल में टीम इंडिया का सामना न्यूजीलैंड से हुआ। लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम की शुरुआत काफी निराशजनक रही। लेकिन बाद में एमएस धोनी ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर पारी को संभाला और उनके शानदार पूरे देश के मन में जीत की उम्मीद जगा दी। 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को जीत के लिए आखिरी दो ओवर में 31 रन की दरकार थी। धोनी ने छक्के के साथ ओवर की शुरुआत की। ‘धोनी है तो मुमकिन है’ भारतीय फैंस के मन में उत्साह और उत्सुकता का ज्वार हिलोरें लेने लगा। मगर इसके बाद उनकी पारी ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई। मार्टिन गप्टिल के एक थ्रो ने पूरे देश की उम्मीद तोड़ दी। धोनी दो इंच की दूरी से रन आउट हो गए और भारी कदमों से पवेलियन लौटे।

इत्तेफाक : रनआउट के बीच सिमटा पूरा करियर

23 दिसंबर 2004- पहला मैच (बांग्लादेश के खिलाफ)- रनआउट

09 जुलाई 2019- अंतिम मैच (न्यूजीलैंड के खिलाफ)- रनआउट।

धोनी के करियर की शुरुआत 16 साल पहले 23 दिसंबर 2004 को हुई थी, वहीं पिछले साल इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप का सेमीफाइल मैच उनका आखिरी मैच रहा। उन्होंने आखिरी मैच 9 जुलाई 2019 को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला। संयोग की बात यह है जिस तरह धोनी के करियर की शुरुआत हुई अंत भी वैसा ही हुआ। अपने पहले और आखिरी दोनों मैचों में धोनी रन आउट हुए।

धोनी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ चिटगोंग में हुआ था। उस मैच में धोनी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे थे और बिना खाता खोले रन आउट हो गए थे। उस समय भारत का स्कोर पांच विकेट पर 180 रन था। मोहम्मद कैफ दूसरे छोर पर जमे थे और 71 रन बनाकर नाट आउट थे। इसी समय धोनी ने अपने करियर की पहली गेंद खेली। कैफ थोड़ा आगे आए तो धोनी रन लेने के लिए दौड़ पड़े लेकिन कैफ ने फिर उन्हें लौटने को कहा। मगर जब तक क्रीज में वापस लौटते धोनी आउट हो चुके थे।

धोनी ने 90 टेस्ट मैच, 350 वनडे और 98 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। टेस्ट में छह और वनडे में 10 शतक लगाए हैं। विकेटकीपिंग के भी कई रिकॉर्ड धोनी के नाम हैं। टेस्ट मैचों में 294, वनडे में 444 और टी-20 में 91 शिकार स्टंपिंग से किए हैं।

 

 

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