श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के लिए भूमि पूजन
-अजय विद्युत
भगवा रंग में रंगी भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या का श्रृंगार देखने लायक था। करोड़ों रामभक्तों का पांच सदियों का इंतजार खत्म हुआ। बुधवार, 5 अगस्त को दोपहर 12.44 पर शुभ मुहूर्त पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैदिक विधि विधान के साथ श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। ‘जय सियाराम’ के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बिना भेदभाव के विकास को श्रीराम की रीति नीति बताया। पूरा देश राममय हो गया लेकिन अयोध्या (जिसे अयोध्या वाले हमेशा से ‘अयोध्याजी’ कहते आए हैं और अभी भी कहते हैं), वहां तो जैसे- गृह गृह बाज बधाव सुभ प्रगटे सुषमा कंद। हरषवंत सब जहं तहं नगर नारि नर बृंद।। (शोभा के मूल भगवान राम के प्रकट होने पर घर-घर बधाई बजने लगी। नगर के स्त्री-पुरुषों के समूह जहां-तहां आनंदित हो रहे हैं)
भूमिपूजन कार्यक्रम के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी से मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ करने की अनुमति ली और निर्विघ्न मंदिर निर्माण की प्रार्थना की। इसके बाद पीएम राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचे और रामलला को साष्टांग प्रणाम किया व जन्मभूमि की रज अपने माथे पर लगाई।
भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंथ नृत्य गोपालदास और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मौजूद थे।
मंत्रोच्चारण के साथ पुजारियों ने भूमि पूजन की शुरुआत की। मोदी द्वारा मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखे जाने के साथ भूमि पूजन संपन्न हुआ। भूमिपूजन कार्यक्रम में नौ शिलाओं की पूजा की गई और मोदी ने मंदिर की नींव की मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाया। नवरत्न जड़ित पंचधातु से बनी मुख्य कूर्म शिला को पुष्प अर्पित कर मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के बहुप्रतीक्षित निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
अयोध्या में उमड़ा हुजूम भूमिपूजन के ऐतिहासिक पलों का गवाह बनने के लिए बेताब था लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे और वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर लागू प्रोटोकॉल के मद्देनजर चुनिंदा लोगों को ही कार्यक्रम स्थल पर जाने की इजाजत थी।
भावुक हुए नृत्य गोपालदास
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंथ नृत्य गोपालदास ने कहा कि ‘श्रीरामजन्मभूमि से जुड़े होने के नाते लोग हमसे बार बार पूछते थे कि मंदिर कब बनेगा। जब हर बार लोग यही प्रश्न पूछते रहे तो हमने भी कहना शुरू कर दिया कि एक ओर मोदी और एक ओर योगी की सरकार है तो अब नहीं तो कब बनेगा मंदिर। मोदी-योगी ने मंदिर निर्माण का सपना साकार किया है।’ नृत्य गोपालदास ने कहा, ‘मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होते देख रहा हूं। अब जीतेजी दिव्य और भव्य मंदिर में रामलला को विराजते देखने की इच्छा है।’