आपका अखबार ब्यूरो ।

दार्जिलिंग से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुर्सियांग का विश्व के सबसे ऊंचे शहरों में तीसरा स्थान है। कुर्सियांग का दृश्य बड़ा ही मनोरम और जलवायु स्वास्थ्यप्रद है। यहां मकान फूलों के रंगों से रंगे गए हैं। नेपाली शब्द खर्साग का अपभ्र्रंश शब्द ‘आहे कर्सियांग’ है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अतुलनीय है।


कल्याणी

कोलकाता से कल्याणी का सफर मात्र 48 किलोमीटर का है। विभिन्न अलौकिकताओं से परिपूर्ण इस स्थल में हिमसागर सरोवर का जल असाध्य रोगों के इलाज के लिये विख्यात है। यहां स्थित देवी के मंदिर में लोग मनौती मांगते हैं व ढेले बांधते हैं। लोगों का विश्वास है कि मां उनकी मनौतियां पूर्ण करती हैं। बंगाल के प्रसिद्ध बाऊल संप्रदाय के बाऊल भी यहां आते हैं। रेल से सफर कर सियालदह से यहां सुविधा पूर्वक पहुंचा जा सकता है।

अन्य आकर्षण

Kanchenjunga Base Camp Trek - Himalayan Pic Du Medi Treks

राज्य के उत्तर में स्थित दार्जिलिंग और कालिंगपांग से लोग कंचनजंगा की वर्फ से ढकी मनोरम चोटियों को देखने आते हैं। सुरम्य चाय बागान और तलहटी में स्थित दोआर का सघन वन क्षेत्र प्रकृति के अद्भुत रूप का दर्शन कराता है। राज्य के मध्य स्थित मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में यहां में फैली हुई है बंगाल की विशिष्ट सांस्कृतिक धरोहर। पश्चिम के पहाड़ी इलाके में स्थित -अयोध्या हिल्स, माथा पहाड़, पंचेट हिल्स, खातरा-मुकुटमणिपुर, सुसुनिया हिल्स, झाड़ग्राम और कांकराझार के मनोरम स्थल मौजूद हैं, जिसके अंदर से होकर गुजरती आंकी बांकी तिस्ता नदी अनुपम छटा बिखेरती है। यहां आराम से रहकर छुट्टियों का लुत्फ उठाया जा सकता है। लगभग 11,879 वर्ग क्षेत्र में स्थित पश्चिम बंगाल का लगभग 13.98 प्रतिशत भाग वनाच्छादित है। इस क्षेत्र को दोआर घाटी भी कहते हैं। राज्य के दक्षिण के समुद्र तट पर फैला हुआ सुंदरवन का डेल्टा क्षेत्र प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर का घर होने के साथ ही विश्व का सबसे बड़ा सदाबहार वन क्षेत्र है। साथ ही यहीं स्थित है प्रसिद्ध तीर्थ गंगासागर।

सारे तीरथ बार बार गंगासागर एक बार

QR code wrist bands for Gangasagar Mela pilgrims in West Bengal | Deccan  Herald

गंगा नदी के सागर से संगम पर स्नान करने के लिए विशेषकर मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। यहां एक मंदिर भी है जो कपिल मुनि के प्राचीन आश्रम स्थल पर बना है। श्रद्धालु कपिल मुनि के मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। पुराणों के अनुसार कपिल मुनि के श्राप के कारण ही राजा सगर के 60 हजार पुत्रों की इसी स्थान पर तत्काल मृत्यु हो गई थी। उनके मोक्ष के लिए राजा सगर के वंश के राजा भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लाए थे और गंगा यहीं सागर से मिली थीं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि एक बार गंगा सागर में डुबकी लगाने पर 10 अश्वमेध यज्ञ और एक हजार गाय दान करने के समान फल मिलता है।

16 Lakh Take Holy Dip at Gangasagar On Makar Sankranti

जहां गंगा-सागर का मेला लगता है, वहां से कुछ दूरी पर उत्तर वामनखल स्थान में एक प्राचीन मंदिर है। उसके पास चंदनपीड़िवन में एक जीर्ण मंदिर है और बुड़बुड़ीर तट पर विशालाक्षी का मंदिर है।

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