आठ जिलों में कर्फ्यू, पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित।
मणिपुर के कई जिलों में हिंसा भड़कने के बाद हालात को काबू करने के लिए भारतीय सेना को बुलाया गया है। कई इलाकों में आर्मी जवानों को तैनात किया गया है। एहतियात के तौर पर अगले कुछ दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने और कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए कार्यवाही चल रही है। अब तक करीब 4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान बुधवार को कई जिलों में हिंसा भड़क गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। इसके अलावा इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। आदेश में बताया गया कि राज्य में ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हैं।
मणिपुर सरकार के गृह मंत्री एचजी प्रकाश ने कहा कि असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर नफरत भरे भाषणों और वीडियो प्रसारित कर रहे हैं, जिससे जनता को उकसाया जा रहा है, इसी वजह से सरकार ने मोबाइल डेटा सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया।

इसके बावजूद बिगड़ते हालात को काबू में करने के लिए नागरिक प्रशासन के अनुरोध पर सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि मणिपुर में प्रशासन के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए तीन मई की शाम से सभी प्रभावित इलाकों में सेना और असम राइफल्स की तैनाती कर दी गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों से अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने और कानून व्यवस्था बहाल करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मणिपुर में हिंसा को कम करने के लिए सेना और असम राइफल्स आगे बढ़ी हैं। अब तक 4000 ग्रामीणों को विभिन्न स्थानों पर सेना और राज्य सरकार के परिसरों में आश्रय दिया गया। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।



