पीएम मोदी ने किया ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रगति मैदान में मेगा फूड इवेंट ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री कहा, पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ के निर्यात में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र ने पिछले नौ वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये का एफडीआई आकर्षित किया है । आज हमारा कृषि-निर्यात विश्व स्तर पर 7वें स्थान पर पहुंच गया है। खाद्य क्षेत्र में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें भारत ने प्रगति न की हो। यह विकास तीव्र लग सकता है, लेकिन यह निरंतर और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान, भारत ने पहली बार कृषि क्षेत्र में निर्यात नीति लागू किया है। हमने पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क स्थापित किया है।

वर्ल्ड फूड इंडिया जैसे आयोजन महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वाद और प्रौद्योगिकी का यह मिश्रण एक नए भविष्य को जन्म देगा और एक नई अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। इस बदलते समय में, 21वीं सदी में खाद्य सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है और इसीलिए वर्ल्ड फूड इंडिया जैसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को अब एक उभरते हुए क्षेत्र की तरह देखा जा रहा है। पिछले नौ वर्षों में इस क्षेत्र को 50,000 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त हुआ है। यह भारत सरकार की उद्योग-समर्थक और किसान-समर्थक नीतियों के कारण है। हमने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए पीएलआई की स्किम प्रारंभ की है।

उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को लीड करने की स्वाभाविक क्षमता है। इसके लिए हर स्तर पर महिलाओं को कुटीर उद्योगों और एसएचजीएस को प्रमोट किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जितनी सांस्कृतिक विविधता है, उतनी ही खाद्य विविधता भी है। आज जिस तरह पूरी दुनिया में भारत के प्रति जिज्ञासा बढ़ी है, वो भी आप सभी के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आया है।

फेस्टिवल में मिलेगा ये सब

वर्ल्ड फूड फेस्टिवल में इस बार संचारी और गैर संचारी दोनों तरह के रोगों से खुद को दूर रखने के लिए आयुष आहार दिखाई दिया। इसमें चेन्नई का पंचमुत्ती दलिया, रागी से बने दिल्ली के रग्गी लड्डू और जयपुर के त्रिफला जैम तक का स्वाद चखने को मिलेगा। केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से इसमें देश के सभी आयुष शोध संस्थान और स्टार्टअप हिस्सा ले रहे हैं।

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जानकारी के अनुसार, तीन से पांच नवंबर के बीच दिल्ली के प्रगति मैदान में लगातार दूसरे वर्ष सरकार विश्व खाद्य इंडिया महोत्सव मना रही है। इस वैश्विक समारोह के जरिये सरकार भारत के पारंपरिक खाद्य को दुनिया के सामने ला रही है, जिनके सेवन से स्वस्थ जीवन का आनंद लिया जा सकता है।

केंद्रीय आयुष मंत्रालय का कहना है कि इस उत्सव को खास बनाने के लिए चैन्ने के सीसीआरएस ने पंचमुत्ती दलिया, हिबिस्कस जैम, हिबिस्कस जलसेक चाय, सफेद ज्वार की गेंदें, ओक फर्न कंद सूप, फिंगर मिलेट बॉल, हलीम नाचोस और भृंगराज कन्फेक्शनरी की पेशकश की है। इनके अलावा दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के डॉक्टरों ने रग्गी लड्डू, मुदगयुषा और यवडी रोटिका प्रीमिक्स, जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की ओर से रग्गी कुकीज (रग्गी बाजरा के आटे से समृद्ध), एनर्जी बूस्टर (भुनी हुई जौ के साथ), त्रिफला जैम शामिल किया है

विशेषज्ञ देंगे 36 तरह के आहार की जानकारी

महोत्सव में पुणे स्थित एनआईएन, सीसीआरयूएम और सीसीआरएएस-सीएआरआई बेंगलुरु के विशेषज्ञ कुल 36 तरह के आहार के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगें। मंत्रालय का कहना है कि आयुष का मतलब सिर्फ घरेलु नुस्खे नहीं बल्कि बीमारी की रोकथाम से लेकर निदान, उपचार और मरीज के आगामी गुणवत्ता युक्त जीवन से जुड़ा है

प्रत्येक आहार के लिए होगा क्यूआर कोड

मंत्रालय के अनुसार, आयुष आहार के लिए छह काउंटर लगाए जाएंगें। प्रत्येक संस्थान पांच से छह खाद्य प्रदर्शित करेंगे। प्रत्येक आहार के लिए क्यूआर कोड भी है। वहीं, स्टार्टअप के लिए छह स्टॉल आवंटित किए हैं जिन पर 18 स्टार्टअप अलग अलग दिन आयुष आहार प्रदर्शित करेंगे। (एएमएपी)