2022 की तुलना में 40 फीसदी ज्यादा।
टेक इंडस्ट्री में इस साल कंपनियों ने जी भरकर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। साल 2023 में अब तक प्रोद्योगिकी कंपनियां 2,26,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। ऑल्टइंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार, यह 2022 में नौकरी से बाहर निकाले गए 2,02,000 लोगों की तुलना में 40% ज्यादा है। 2023 में छंटनी की स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई है। आंकड़े आईटी इंडस्ट्री में एक परेशान करने वाली मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं।
छंटनी की इस लहर का गहरा प्रभाव पड़ा है, इसके परिणामस्वरूप कई कार्यस्थल बंद हो गए हैं और 2023 को तकनीकी उद्योग के लिए रिकॉर्ड पर सबसे निराशाजनक वर्ष होने का दुर्भाग्यपूर्ण गौरव प्राप्त हुआ है। 2022 में जनवरी से दिसंबर के दौरान आईटी इंडस्ट्री में छंटनी में नाटकीय वृद्धि हुई, उस दौरान 164,744 कर्मचारियों को हटा दिया गया। यह संख्या 2021 में रिपोर्ट की गई 15000 छंटनी की तुलना में लगभग ग्यारह गुना अधिक है। अकेले जनवरी में 75,912 लोगों की नौकरी चली गई जो 2022 में रिपोर्ट की गई कुल छंटनी का लगभग आधा था।
इसके बाद, फरवरी में नौकरियों में कटौती थमी, लेकिन उसके बावजूद 40,000 लोगों को अपनी जॉब गंवानी पड़ी। बाद के तीन महीनों में गिरावट के बावजद, तकनीकी क्षेत्र में लगभग 73,000 लोगों को काम से बाहर कर दिया गया। तब से अतिरिक्त 24,000 कर्मचारियों को गुलाबी पर्ची सौंपी गई है, जिससे नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार छंटनी की कुल संख्या 2,26,117 हो गई है।
नौकरियों में कटौती की इस तीव्रता का कारण अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, मुद्रास्फीति, आपूर्ति शृंखला की चुनौतियों और राजस्व वृद्धि में मंदी को बताया गया। गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजनप जैसे प्रमुख उद्योग दिग्गज छंटनी की इस लहर में सबसे आगे रहे हैं, जो एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति का संकेत देते हैं।
छंटनी का असर खुदरा, क्रिप्टोकरेंसी और परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली छोटी तकनीकी फर्मों तक फैल गया है। इन कंपनियों को लागत में कटौती के उपाय करने पड़ रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में छंटनी के आंकड़े और भी खराब तस्वीर पेश करते हैं। 2021 की शुरुआत के बाद से, तकनीकी कंपनियों ने 405,000 से अधिक कर्मचारियों को बाहर कर दिया है।(एएमएपी)