श्री माता वैष्णो देवी के यात्रियों की सुविधा के लिए 250 करोड़ रुपये की लागत से ताराकोट मार्ग से सांझीछत तक 12 किलोमीटर लंबे ट्रैक के साथ यात्री रोपवे बनाने की तैयारी की जा रही है। 2.4 किलोमीटर इस लंबी रोपवे परियोजना को तीन साल में पूरा किया जाएगा।इस सुविधा का उपयोग करते हुए तीर्थयात्री पांच से छह घंटे की यात्रा की तलना में केवल 6 मिनट में मंदिर परिसर तक पहुंच जाएंगे। रोपवे परियोजना की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को मंदिर के पास भक्तों को तृप्ति भोजनालय और प्रसाद केंद्र सह स्मारिका केंद्र समर्पित करते हुए यह जानकारी दी।

उप राज्यपाल ने कहा कि रोपवे परियोजना में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसका काम पूरी तरह संवेदनशीलता से किया जाए ताकि स्थानीय व्यापार प्रभावित न हो। रोपवे परियोजना को तीर्थ यात्रियों विशेषरूप से बुजुर्गों और विकलांगों की सुविधा के लिए स्वीकृत किया गया था, ताकि वे मंदिर में आसानी से पहुंचकर पूजा कर सकें।

आगामी नवरात्र से पहले देश विदेश के श्रद्धालुओं को श्री माता वैष्णो देवी के दरबार के पास निर्माणाधीन दुर्गा भवन समर्पित कर दिया जाएगा। इस भवन में 3000 से अधिक भक्तों को एक समय में ठहराया जा सकेगा। इससे माता रानी के मंदिर के पास ही भक्तों को रुकने का सौभाग्य मिलेगा।

इससे भवन ट्रैक पर भीड़ को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा। इस दौरान श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व उप राज्यपाल ने महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के साथ व बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ मां वैष्णो देवी के दरबार में माथा टेका।

मौजूदा समय में भवन के पास विभिन्न स्थलों में रात में करीब 900 श्रद्धालुओं के रुकने की क्षमता है। अत्याधुनिक ढंग से पांच मंजिला दुर्गा भवन का चरणबद्ध तरीके से निर्माण किया जा रहा है, जिसमें पहले चरण में दो मंजिल का निर्माण पूरा करना प्रस्तावित है।

इसमें कमरों सहित डारमेटरी की सुविधा मिलेगी। वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों को बड़ी राहत मिलेगी। भवन के पास रात को रुकने के लिए श्रद्धालुओं की प्राथमिकता रहती है, ताकि सुबह पहले दर्शन किए जा सकें, लेकिन आवास की अधिक सुविधा न होने के कारण अधिकांश यात्रियों को रोका नहीं जाता है।

इसी तरह भोजनालय में 750 यात्री एक समय भोजन कर सकते हैं। उप राज्यपाल ने कहा कि श्राइन बोर्ड तीर्थ यात्रियों को तीर्थ यात्रा के दौरान बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। पिछले तीन वर्षों में श्राइन क्षेत्र में नया बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है।

परेशानी मुक्त यात्रा के लिए आरएफआईडी, सीसीटीवी, नया पंजीकरण केंद्र जैसी पहल की गई हैं। आगामी दुर्गाभवन, स्काईवाक और हाल ही में स्वीकृत एकीकृत डिजिटल समाधान इस आध्यात्मिक यात्रा को भक्तों के लिए अधिक सुविधाजनक, व्यवस्थित और यादगार बनाएगा।

बोर्ड की ओर से कटड़ा के पास शंकराचार्य मंदिर को विकसित किया जाएगा। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने उप राज्यपाल को चालू परियोजनाओं और तीर्थ यात्री सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।

पिछले साल 91.25 लाख तीर्थ यात्री पहुंचे

वर्ष 2022 में 91.25 लाख तीर्थ यात्रियों ने वैष्णो देवी के दर्शन किए, जो एक दशक में सबसे अधिक था। कोविड के कारण 2020 में सिर्फ 17 लाख तीर्थ यात्री पहुंचे थे। इस साल पांच माह दरबार में आम आवाजाही को बंद रखा गया। 1986 में 13.95 लाख तीर्थ यात्रियों से एसएमवीडीएसबी (श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड) ने बेहतर प्रबंधन के लिए वैष्णो देवी तीर्थ स्थल को अपने हाथ में लिया था।

वर्ष 2012 में पिछले साल 1.01 करोड़ की तुलना में बढ़कर 1.041 करोड़ तीर्थ यात्री पहुंचे थे। वर्ष 1991 में यह आंकड़ा 31.15 लाख और 2007 में 74.17 लाख रहा। अमरनाथ भूमि संघर्ष के दौरान 2008 में यह आंकड़ा गिरकर 67.92 लाख रहा लेकिन 2009 में बढ़कर 82 लाख तक चला गया।

उसके अगले साल 2010 में 87.2 लाख रहा। वर्ष 2013 में तीर्थ यात्री आंकड़ा 93.24 लाख, वर्ष 2014 में 78.03 लाख, 2015 में 77.76 लाख और 2016 में 77.23 लाख रहा। इसी तरह 2017 में यह आंकड़ा 81.78 लाख, 2018 में 85.57 लाख, 2019 में गिरकर 79.40 लाख रहा।

तृप्ति भोजनालय में प्रतिदिन खाना खा सकते हैं 7000 तीर्थयात्री

तृप्ति भोजनालय में प्रतिदिन 7000 यात्री भोजन कर सकते हैं। तृप्ति भोजनालय चौबीसों घंटे तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध रहेगा। भोजनालय में एक समय 150 तीर्थयात्री खाना खा सकते हैं।

माता वैष्णो देवी जी के भक्तों की सुविधा के लिए भवन में एक आधुनिक प्रसाद सह स्मारिका केंद्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा चांदी के सिक्के और स्वर्ण पदकों की बिक्री के लिए पंच मेवा प्रसाद और माता का प्रसाद भी प्रसाद केंद्र में उपलब्ध कराया गया है।(एएमएपी)