अपोलो अस्पताल के सांस रोग विभाग की ओपीडी में खांसी, जुकाम और छाती में भारीपन की परेशानी के बाद आए लोगों की संख्या 20 तक बढ़ गई है। अस्पताल के डॉ. राजेश चावला का कहना है कि हम ऐसे मरीज देख रहे हैं जो पहले ठीक थे, लेकिन प्रदूषण बढ़ने पर वे अस्पताल आ रहे हैं।
परेशानी बताने वाले परिवारों की संख्या में हुआ इजाफा
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच एक सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। सर्वे के अनुसार, प्रदूषण की वजह से परेशानी बताने वाले परिवारों की संख्या में बीते पांच दिनों में ही 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सामुदायिक सर्वे करने वाले प्लेटफार्म लोकल सर्किल ने दिल्ली-एनसीआर के 16 हजार लोगों से प्रदूषण से जुड़े सवाल पूछे थे। इनमें 37 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं।
सर्वे में शामिल 18 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में उन्हें प्रदूषण की वजह से डॉक्टर के पास जाना पड़ा है। वहीं, 69 फीसदी लोगों ने कहा कि वे गले की खराश या सर्दी जुकाम से परेशान हैं। अन्य 56 फीसदी लोगों ने कहा कि उनकी आंखों में जलन हो रही है, जबकि 44 फीसदी ने कहा कि उन्हें सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे में शामिल कुल 80 फीसदी ने कहा कि उन्हें प्रदूषण से कई तरह की परेशानियां देखने को मिल रही हैं।
दिवाली के बाद हुए सर्वेक्षण में जब लोगों से पूछा गया था तो 70 फीसदी ने प्रदूषण से कई तरह के लक्षण होने की बात कही थी, लेकिन इसके पांच दिन बाद ही यह आंकड़ा 80 फीसदी तक बढ़ गया है।
कई दिक्कतें हो रहीं
सर्वे में शामिल 69 फीसदी लोगों ने प्रदूषण बढ़ने पर खांसी और गले में खराश की शिकायत की है। 56 फीसदी लोगों ने आंखों में जलन और 50 फीसदी ने नाक बहने और जाम होने की परेशानी बताई है। इस सर्वे के मुताबिक 44 फीसदी ने सिर में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और इतने ही लोगों ने नींद न आने की परेशानी बताई है। वहीं, 31 फीसदी लोगों ने एंजाइटी और ध्यान न लगने या काम में मन न लगने की शिकायत की है। (एएमएपी)