एडीआर ने किया उम्मीदवारों के दस्तावेजों का विश्लेषण
58 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का किया गया विश्लेषण
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने 15 राज्यों की 56 सीटों के लिए मैदान में उतरे 59 उम्मीदवारों में से 58 के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया। कर्नाटक से कांग्रेस उम्मीदवार जी सी चन्द्रशेखर को खराब स्कैन किए गए दस्तावेजों के कारण विश्लेषण से बाहर कर दिया गया। विश्लेषण में सामने आया कि 36 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसके अलावा इनमें से 17 प्रतिशत व्यक्तियों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं और एक उम्मीदवार पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले हैं।
किन दलों ने बागियों को दिए टिकट?
विश्लेषण के अनुसार, बीजेपी के 30 उम्मीदवारों में से आठ (27 प्रतिशत), कांग्रेस के नौ उम्मीदवारों में से छह (67 प्रतिशत), टीएमसी के चार उम्मीदवारों में से एक (25 प्रतिशत), समाजवादी पार्टी के तीन में से एक (33 फीसदी), वाईएसआरसीपी के तीन उम्मीदवारों में से एक (33 प्रतिशत), राजद के दो उम्मीदवारों में से एक (50 प्रतिशत), बीजेडी के दो उम्मीदवारों में से एक (50 प्रतिशत) और बीआरएस के एक (100 प्रतिशत) उम्मीदवार ने अपने हलफनामे में खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
21 फीसदी उम्मीदवार अरबपति
इसके अलावा, विश्लेषण में उम्मीदवारों की वित्तीय पृष्ठभूमि का भी पता लगाया गया। करीब 21 फीसदी उम्मीदवार अरबपति हैं, जिनकी संपत्ति 100 करोड़ रुपये से अधिक है। राज्यसभा उम्मीदवारं की औसत संपत्ति 127.81 करोड़ रुपये है। विश्लेषण के अनुसार, जो तीन सबसे अमीर प्रत्याशी हैं, हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी (1872 करोड़), उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार जया अमिताभ बच्चन (1578 करोड़) और कर्नाटक से जेडीएस उम्मीदवार कुपेंद्र रेड्डी (871 करोड़) रुपये है।
बालयोगी उमेशनाथ सबसे गरीब प्रत्याशी
सबसे गरीब उम्मीदवारों में भाजपा के मध्य प्रदेश के उम्मीदवार बालयोगी उमेश नाथ हैं, जिनकी संपत्ति 47 लाख रुपये से अधिक है। भाजपा के पश्चिम बंगाल के उम्मीदवार समिक भट्टाचार्य की संपत्ति 1 करोड़ रुपये है और भाजपा की उत्तर प्रदेश की उम्मीदवार संगीता की संपत्ति 1 करोड़ रुपये है।
17 फीसदी उम्मीदवारों की 5वीं से 12वीं तक पढ़ाई
ऊपरी सदन के लिए नामांकन करने वाले इन उम्मीदवारों में 17 फीसदी 5वीं से 12वीं तक पढ़े हुए हैं, वहीं 79 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास स्नातक या उच्चतर डिग्री है। इसके अलावा 76 फीसदी उम्मीदवार 51-70 आयु वर्ग के हैं और 31-50 आयु वर्ग के 16 फीसदी उम्मीदवार हैं। इनमें से सिर्फ 19 फीसदी महिला उम्मीदवार हैं। (एएमएपी)