लापता परिवार को मिलाने का किया आग्रह
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर चिंता जाहिर करते हुए संयुक्त बयान में कहा है कि चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन के महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। महासभा की बैठक में इन देशों ने चीन से पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में डिटेंशन कैंप में कैद कर रखे गए अल्पसंख्यकों को जल्द से जल्द रिहा करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा लापता परिवार के सदस्यों के ठिकाने का पता लगाकर सभी के एक साथ रहने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है।
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चीन ने किया इनकार
चीन ने इस रिपोर्ट पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है। मानवाधिकार समूह की रिपोर्ट के बाद पिछले सप्ताह अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देशों ने एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महाअधिवक्ता, उइगर मानवाधिकार समूह के अधिवक्ता समेत संयुक्त राष्ट्र के स्पेशल जांच एजेंसी के ऑफिसर शामिल हुए थे। चीन के संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने सभी सदस्य देशों को एक पत्र लिखकर इस चीन विरोधी बैठक का बहिष्कार करने की अपील की थी।
चीन ने आरोप लगाया है कि यह बैठक राजनीति से प्रेरित है। चीन ने कहा कि मानवाधिकारों के मुद्दों का उपयोग चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए किया जा रहा है। चीन का कहना है कि इस तरह कीं बैठक का उपयोग देश में विभाजन पैदा करने और इसके विकास को बाधित करने के लिए किया जा रहा है। चीनी अधिकारी ने इस पूरे मुद्दे को देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताते हुए कहा है कि यह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतो का उल्लंघन है।
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इन 50 देशों ने उठाया मुद्दा
संयुक्त बयान जारी करने वाले सदस्यों में अमेरिका, ब्रिटेन, यूक्रेन, तुर्की, स्विट्जरलैंड, स्पेन, बेल्जियम, आस्ट्रेलिया, कनाडा, अल्बानिया, जर्मनी, इजरायल, जापान, नीदरलैंड, बुल्गारिया, अंडोरा, फ्रांस, न्यूजीलैंड, पोलैंड, सोमालिया, पुर्तगाल, फिनलैंड, लातविया, इटली, आयरलैंड समेत कुल 50 देश हैं।
31 अगस्त को यूएन ने जारी की थी रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र ने 31 अगस्त को अपनी फाइनल रिपोर्ट जारी किया था। रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने चीन में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का दावा किया था। रिपोर्ट के अनुसार, शिनजियांग प्रांत में रह रहे उइगर मुसलमान पर चीन अत्याचार कर रहा है, जो मानवता के खिलाफ अपराध के बराबर है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन में अल्पसंख्यक मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है और समुदाय की महिलाओं के साथ रेप किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि चीन 10 लाख लोगों को डिटेंशन कैंप में कैद किए हुए है। संयुक्त राष्ट्र ने विश्व समुदाय और चीन से इस मुद्दे की ओर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया था। (एएमएपी)