जासूसी के आरोप में आठ महीनों से कतर में हिरासत में रखे गए भारतीय नौसेना के 8 अधिकारियों को मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अधिकारियों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरोपियों की पहचान भारत की खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के लिए काम करने वाले के रूप में की गई है और कथित तौर पर कतर में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पकड़े गए थे।

इजरायल के लिए जासूसी का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौसेना में विभिन्न पदों पर काम कर चुके इन पूर्व अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून का कहना है कि गिरफ्तार अधिकारियों ने इटली से उन्नत पनडुब्बियों को खरीदने के लिए कतर के गुप्त कार्यक्रम का विवरण प्रदान किया। रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी रक्षा कंपनी के सीईओ और कतर के अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों के प्रमुख को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। भारतीय नौसेना के सभी आठ अधिकारी भी इसी कंपनी में कार्यरत थे। अखबार ने दावा किया कि 3 मई को होने वाली अदालत की सुनवाई में अभियुक्तों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कतर के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास आरोपों के समर्थन में तकनीकी साक्ष्य हैं।

कतर की सीक्रेट जानकारी इजरायल को दी

कतर की जांच एजेंसी के अनुसार कतर इटली से एडवांस सबमरीन खरीदने वाला था. इस प्रोग्राम से जुड़ी सीक्रेट जानकारियां इंडियन नेवी के ऑफिसरों ने इजराइल को दी. इसी मामले में एक निजी सिक्योरिटी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कतर के अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों के प्रमुख को भी गिरफ्तार किया गया है। भारतीय नौसेना के सभी आठ अधिकारी भी इसी कंपनी में कार्यरत थे. इन घटना से जुड़े अभियुक्तों को 3 मई को कोर्ट की सुनवाई में मौत की सजा मिल सकती है. कतर में नेशनल सिक्योरिटी, जासूसी और नेशनल सीक्रेट के खुलासे के खिलाफ सख्त कानून हैं, जिसके लिए मौत की सजा दी जा सकती है।

आरोपी नेवी ऑफिसर के नाम

भारतीय नागरिकों को गंभीर जासूसी के आरोप में आठ महीने से कतर में हिरासत में रखा गया है, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने अभी तक संभावित सजा पर अपने कतर के समकक्षों से बात नहीं की है. इस पर कतर के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास आरोपों के समर्थन में तकनीकी सबूत मौजूद हैं, जो उन्हें सजा देने लायक है. कतर की सरकार हमेशा जासूसी और सुरक्षा मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। कतर में जिन नौसेना के पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था, उनके नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनकर पाकला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश हैं।

भारत सरकार ने क्या कहा?

अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, कि हम कतरी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। दोहा में हमारा दूतावास परिवारों के संपर्क में बना हुआ है। अगली सुनवाई मई की शुरुआत में है। हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि उस सुनवाई के संबंध में उससे पहले क्या किया जा सकता है।

और क्या कहती है पाक मीडिया की रिपोर्ट

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून का कहना है कि गिरफ्तार अधिकारियों ने कथित तौर पर इटली से उन्नत पनडुब्बियों को खरीदने के लिए कतर के गुप्त कार्यक्रम का विवरण प्रदान किया. रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी रक्षा कंपनी के सीईओ और कतर के अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों के प्रमुख को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है. भारतीय नौसेना के सभी आठ अधिकारी भी इसी कंपनी में कार्यरत थे. अखबार ने दावा किया कि 3 मई को होने वाली अदालत की सुनवाई में अभियुक्तों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कतर के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास आरोपों के समर्थन में तकनीकी साक्ष्य हैं।

अधिकारियों के परिजनों को दी गई मिलने की अनुमति

इस बीच एक भारतीय मीडिया रिपोर्ट मुताबिक अगस्त 2022 से दोहा में बंदी बनाए गए आठ भारतीय नौसेना के पूर्व सैनिकों के परिवार के सदस्यों को उनसे मिलने की अनुमति दी गई है. इस यात्रा को दाहरा कंसल्टेंसीज़ कंपनी द्वारा सुगम बनाया गया है जिसके लिए वे काम कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्रे ने कहा, ‘इसे दाहारा द्वारा एक सद्भावना संकेत के रूप में देखा जा रहा है कंपनी ने हवाई यात्रा और आवास की व्यवस्था की है और यह सुनिश्चित किया है कि यात्रा निर्बाध हो. दाहरा ने पहले ही अधिकारियों को एक सेवरेंस पैकेज की पेशकश की है और 31 मई में दोहा में सभी परिचालन बंद कर देगी।रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरोपियों की पहचान भारत की खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम करने वाले के रूप में की गई है और कथित तौर पर कतर में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पकड़े गए थे।   (एएमएपी)