अगले साल 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव
7 सितंबर से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फरवरी में जम्मू-कश्मीर में जाकर समाप्त होगी। राजनीतिक विश्लेषक एसएन धर कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा भले ही राजनीतिक न कही जा रही हो, लेकिन सियासी गलियारों में उसे पूरी तरीके से राजनीतिक यात्रा के तौर पर ही देखा जा रहा है। इसलिए राहुल गांधी की अब तक की सबसे बड़ी इस यात्रा के बाद चुनावी नतीजों के लिहाज से इसे परखा भी जाएगा। क्योंकि राहुल गांधी की यात्रा के बाद से ही देश के अलग-अलग 10 राज्यों में विधानसभा के चुनावों की तारीखों का समयबद्ध तरीके से एलान भी हो जाएगा। कुछ चुनाव पहले तो, कुछ चुनाव 2023 के आखिर में हो सकते हैं। धर कहते हैं कि कोई भी राजनीतिक पार्टी जब इतनी बड़ी यात्रा निकालती है, तो अंततः उसका परिणाम चुनावी नतीजों के तौर पर ही देखा जाता है। इसलिए राहुल गांधी के लिए यह यात्रा जितनी महत्वपूर्ण है, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण इस यात्रा के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम होंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि निश्चित तौर पर कांग्रेस के रणनीतिकार राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की ही पूरी प्लानिंग लेकर नहीं चल रहे होंगे, बल्कि वह भारत जोड़ो यात्रा के बाद चुनावी नजरिए से भी पूरी योजना बना रहे होंगे। कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि क्योंकि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा एक मुद्दों के साथ देश के सभी लोगों को जोड़ने के लिए शुरू की है। इसे राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। वह कहते हैं कि यह बात बिल्कुल सच है कि कोई भी राजनीतिक दल जब इस तरीके की यात्राएं करता है, तो अंततः उसको राजनीतिक नफा नुकसान के नजरिए से ही आंका जाता है। ऐसे में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को भी उसी नजरिए से देखा जा रहा है। कांग्रेस के उक्त नेता कहते हैं कि क्योंकि अगले साल देश के अलग-अलग राज्यों में चुनाव हैं, इसलिए उनकी पार्टी पहले से ही इन राज्यों में अपनी चुनावी रणनीति को मजबूती से बना रही है। वह कहते हैं कि राहुल गांधी जो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है इसलिए उनकी भूमिका भी चुनावों में वरिष्ठ नेताओं की तरह ही रहेगी।
चुनावी राज्यों में कांग्रेस के नेताओं ने संभाली कमान
हालांकि सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की सबसे ज्यादा हो रही है कि क्या राहुल गांधी अपनी यात्रा को समाप्त करने के बाद देश के अलग-अलग चुनावी राज्यों में तूफानी दौरा करेंगे या नहीं। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि चुनावी कमान चूंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के हाथ में ही होगी और उन्हीं के निर्देशानुसार ही कांग्रेस पार्टी अपनी चुनावी रणनीति तैयार करेगी। उनका कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी चल रहे हैं। इसके अलावा जिस राज्य में राहुल गांधी की यात्रा पहुंचती है, वहां पर उस राज्य के सभी बड़े नेता पहुंचते ही हैं। वह कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद निश्चित तौर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से मिले निर्देशानुसार ही राहुल गांधी की चुनावी अभियान में अपनी पूरी सहभागिता निभाएंगे।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि अगले साल होने चुनावी राज्यों में अभी से पार्टी ने अपने सियासी समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं। जिसमें पार्टी मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना समेत उत्तर-पूर्व के राज्यों में भी पूरी तरह से चुनाव पर फोकस कर रही है। इसको लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ लगातार बैठकें भी चल रही हैं। कई राज्यों में तो कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने चुनावी कमान भी संभाल ली है।
सियासी जानकारों का कहना है कि आने वाले चुनावों में कांग्रेस सिर्फ एक व्यक्ति विशेष पर फोकस न करते हुए सामूहिक रूप से सभी बड़े नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां दे रही है। इसके पीछे तर्क देते हुए वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक जीडी शुक्ला कहते हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के परिणाम क्या होंगे यह कहना अभी बहुत मुश्किल है। इसीलिए कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती है कि चुनावों के परिणाम पक्ष या विपक्ष में आने पर किसी एक व्यक्ति पर पूरा ठीकरा फोड़ा जाए। हालांकि कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी एक व्यक्ति के पीछे नहीं चलती है और यही वजह है कि यहां पर हार की जिम्मेदारी भी सामूहिक ली जाती है और जीत का श्रेय भी सामूहिक तौर पर ही दिया जाता है। (एएमएपी)