राष्ट्रपति को पद से हटाने पर हुए उग्र प्रदर्शन के बाद लिया फैसला
पैदा हो गया था राजनीतिक संकट
पेरू में राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को पद से हटाए जाने के बाद राजनीतिक संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच देश में आम चुनाव कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी।
जांच में बाधा डालने का आरोप
पेरू कई वर्षों तक राजनीतिक उथल-पुथल से गुजरा है, जिसमें कई नेताओं पर भ्रष्टाचार, बार-बार महाभियोग के प्रयास और राष्ट्रपति पद के कार्यकाल में कटौती देखी गई है। यह नई कानूनी लड़ाई अक्तूबर में शुरू हुई, जब अभियोजक के कार्यालय ने कैस्टिलो के खिलाफ एक सांविधानिक शिकायत दायर की। उन पर आरोप था कि वह एक आपराधिक संगठन से पाए लाभ के लिए जांच में बाधा डाल रहे हैं। बुधवार को पेरू की संसद ने राष्ट्रपति को सत्ता से बेदखल करने के लिए महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान किया था। 130 सदस्यीय संसद में प्रस्ताव के पक्ष में 101 वोट पड़े, जबकि राष्ट्रपति के समर्थन में मात्र छह। 10 सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। सीएनएन के अनुसार पेरू की संवैधानिक अदालत के प्रमुख फ्रांसिस्को मोरालेस ने संसद में महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान से पहले एक भाषण में उपराष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे को राष्ट्रपति पद ग्रहण करने का आदेश दिया। इसके बाद बोलुआर्टे ने कैस्टिलो की संसद भंग करने की योजना को खारिज कर दिया।
संसद भंग करने के पेड्रो के फैसले की आलोचना
अमेरिका संसद भंग करने के खिलाफ था
अमेरिका ने भी पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के संसद भंग करने के फैसले का विरोध किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा था कि हम पेरू में संविधान के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का विरोध करते हैं। ऐसा कोई भी कार्य जो पेरू में लोकतंत्र को कमजोर करेगा, हम उसके खिलाफ हैं। (एएमएपी)