दुनिया के कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। लगातार इस बाबत दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। फिलहाल सरकार कड़ी पाबंदी और प्रतिबंध लागू किए बिना सलाह देकर कोरोना रोकथाम पर जोर देगी। अभी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध की भी कोई योजना नहीं है। हालांकि, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, थाईलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों के लिए एयर सुविधा फॉर्म भरना होगा। 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य किया जा सकता है।स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मामले कई देशों में बढ़ रहे हैं। इसके मद्देनजर सारी तैयारी भी हो रही है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। क्योंकि, यहां वैक्सीन भी ओमीक्रोन के सभी वेरिएंट पर कारगर है। लोगों में हाईब्रिड इम्युनिटी भी पर्याप्त पाई गई है। इसके बावजूद हर तरह की स्थिति से निपटने की तैयारी के तहत सरकार कई कदम उठा रही है। बचाव के लिए मास्क लगाने का परामर्श सरकार जारी कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मास्क कोरोना संक्रमण के खिलाफ बड़ा हथियार है। हालांकि, इसे जरूरी नहीं किया गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगाने से व्यापार का माहौल खराब होता है।

बता दें कि चीन समेत दुनिया के कई अन्य देशों में कोरोना के मामलों में उछाल के बाद सरकार ने शनिवार से प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय उड़ान में आने वाले यात्रियों में से दो प्रतिशत की रैंडम जांच को अनिवार्य किया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चीन में कोहराम मचा रहा ओमीक्रोन वेरिएंट के बीएफ.7 संस्करण के फैलने की दर बहुत अधिक है। एक बीमार व्यक्ति 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अधिकारी का कहना है कि अभी तक कोरोना के 220 तरह के वेरिएंट भारत में आ चुके हैं। ओमीक्रोन के भी कई सब वेरिएंट आए हैं।

अगला 40 दिन अहम

सूत्रों के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमण के प्रकोप के मद्देनजर अगले 40 दिन अहम हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जनवरी में कोविड के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा, पहले यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नई लहर आई थी। यह एक प्रवृत्ति रही है। इसी के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है।

अधिक मारक नहीं होगी आगामी लहर

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि हालात गंभीर होने के आसार बहुत कम हैं। अगर लहर आती भी है तो भी मौतें और अस्पताल में भर्ती होने वालों की तादाद अधिक नहीं होगी।

कोरोना से सावधान रहने की जरूरत : डॉ. गुलेरिया

एम्स, दिल्ली के पूर्व प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि लोगों को जनवरी के तीसरे हफ्ते तक सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बहुत पैनिक वाली स्थिति अभी नहीं है, लेकिन छुट्टियों के चलते कोरोना मामलों के बढ़ने की आशंका है। डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि ‘अगले कुछ दिन छुट्टी वाले हैं और लोग एक जगह से दूसरी जगह जाएंगे। जब वे यात्रा करेंगे तो अपने साथ इंफेक्शन लाएंगे। यदि कोई दूसरे देश जाता है तो वहां वाला वैरिएंट देश में आ सकता है। यात्रा की वजह से देश में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। जनवरी के तीसरे हफ्ते तक काफी सावधान रहना होगा। कोरोना मामले में बढ़ोतरी हो सकती है।

‘पहले से बेहतर स्थिति में’

एम्स के पूर्व चीफ रणदीप गुलेरिया ने कहा, ”दो साल पहले जिस हम स्थिति में थे, आज वहां से बहुत बेहतर स्थिति में हैं। पहले हमें वायरस के बारे में कुछ नहीं पता था, जबकि आज काफी अधिक जानकारी है। वैक्सीनेशन और नैचुरल इम्युनिटी की वजह से चीजें अब बेहतर हैं। बूस्टर डोज को लेकर उन्होंने कहा कि इसे लेना जरूरी है। इससे लोगों को इम्युनिटी मिलती है। बुजुर्गों को जरूर बूस्टर डोज लेनी चाहिए। इससे बीमारी के गंभीर होने से बचते हैं। यह हो सकता है कि आपको कोविड हो, लेकिन आईसीयू में जाने या फिर गंभीर होने से बूस्टर डोज बचाती है।

वैक्सीन की चौथी डोज पर भी बोले गुलेरिया

चौथे डोज पर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अभी इसको लेकर डेटा साफ नहीं है। हमें और डेटा की जरूरत होगी। यह देखना होगा कि बूस्टर डोज नए वैरिएंट के खिलाफ कितना काम करेगी। दो से लेकर 12 साल के बच्चों की वैक्सीन पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि बच्चों को कोरोना वायरस का हल्का लक्ष्ण होता है। वहीं, जब प्रेग्नेंट महिला वैक्सीन लेती है तो उसके बच्चे को भी वैक्सीन की थोड़ी प्रोटेक्शन मिलती है। नए साल के जश्न पर गुलेरिया ने कहा कि यदि आप बाहर जाएं तो मास्क पहनें और कोविड बिहेयिवर को फॉलो करें। हालात पैनिक वाले नहीं हैं, लेकिन सुरक्षित रहते हुए नया साल मनाएं।

जनवरी में कोविड के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं : सूत्र

अगले 40 दिन महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले जनवरी में तेजी से बढ़ सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने महामारी के प्रसार के पिछले ट्रेंड का हवाला देते हुए बुधवार को यह कहा। एक अधिकारी ने कहा, ”विगत में, यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नयी लहर आई थी… यह एक प्रवृत्ति रही है।” स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने हालांकि कहा कि संक्रमण की गंभीरता कम है। यदि कोविड की नई लहर आती भी है तो इससे होने वाली मौतें और संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो दिनों में, भारत आए 6,000 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड-19 जांच की गई, जिनमें 39 की रिपोर्ट ‘पॉजिटिव’ आई है। (एएमएपी)