हमारे सामने दिखाई दे रही उम्मीद की किरण
राष्ट्रपति ने कहा कि अफसर, जनता, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता हर कोई कोरोना से मुकाबले के लिए मजबूती से डटा हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी महामारी को रोकने और कंट्रोल करने के लिए और काम करने की जरूरत है। इसके लिए हर कोई कड़ी मेहनत कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। आइए इसे पार करने के लिए हम एक और कोशिश करें क्योंकि दृढ़ता और एकजुटता का मतलब ही जीत होता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के आने के बाद से हमने लोगों के जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। विज्ञान-आधारित और लक्षित दृष्टिकोण का पालन करते हुए हमने लोगों के जीवन और स्वास्थ्य की अधिकतम संभव सीमा तक रक्षा करने के लिए कोविड के खिलाफ कड़े और जरूरी कदम उठाए।
कोरोना को लेकर ज्यादा सचेत रहने की जरूरत
जिनपिंग ने संबोधन में कहा कि चीन में कोरोना की वजह से जिंदगी के प्रति सुरक्षा को एक नया आयाम मिला है। नए दौर में प्रवेश करने के साथ ही हमें अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा सचेत होने की जरूरत है। उन्होंने चीन की कोविड नीति के बारे में बताया कि देश ने बड़े पैमाने पर परीक्षण किया। हमने जीरो कोविड पॉलिसी को भी खत्म कर दिया। चीन में जीरो कोविड पॉलिसी तीन साल तक रही है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि 2022 में हमने भूकंप, बाढ़, सूखा और जंगल की आग समेत कई प्राकृति आपदाओं को झेला है। हमने काम करने वाली जगहों पर दुर्घटनाओं का सामना किया। इन सबके बीच मुसीबतों का सामना करने के लिए हम एक साथ रहे। संकट में दूसरों की मदद करने के लिए जीवन का बलिदान तक दे दिया।
3 जनवरी को डब्ल्यूएचओ के साथ चीन की बैठक, पेश करेगा डेटा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्सपर्ट्स और चीनी अधिकारियों के बीच कोरोना मामले, वैक्सीन, ट्रीटमेंट जैसे मुद्दों पर चर्चा शुरू हो चुकी है। हाल में बैठक में में कहा गया कि चीन कोई भी आंकड़ा बिना छिपाए दुनिया के साथ साझा करे। इस समय चीन में बढ़ रहे मामले तो चिंता बढ़ाते ही है, साथ में उसका डेटा छिपाना और ज्यादा परेशान कर गया है। इस वजह से वहां कोरोना की असल स्थिति पता करना ही सबसे बड़ी चुनौती है। उसके बाद अब चीन के साइंटिस्ट डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट्स के साथ 3 जनवरी को एक मीटिंग करेंगे। इसमें चीनी अधिकारी जीनोम सीक्वेंसिंग का डेटा साझा करने वाले हैं।
जब से कोरोना महामारी आई है, तब से चीन की ओर से आधिकारिक मौतों का आकंडा 5,247 है, जिसकी तुलना संयुक्त राज्य अमेरिका में 10 लाख से अधिक मौतों से की जाती है। वहीं चीनी शासित हांगकांग ने 11 हजार से अधिक मौतों की सूचना दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन में मरने वालों की संख्या काफी अधिक है और अगले एक साल में 10 लाख से अधिक लोग इससे मर सकते हैं। (एएमएपी)