दक्षिणी अमेरिकी देश पेरू में भी नई सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और राष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे से इस्तीफा मांगा जा रहा है। राजधानी लीमा की सड़कों पर पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के समर्थक पिछले कई दिनों से हंगामा कर रहे हैं। आंदोलनकारी पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के अपदस्थ होने और उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। इस विरोध-प्रदर्शन में अब तक 49 लोगों की जान जा चुकी है।इस बीच, राष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे ने साफ तौर पर कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगी। हालांकि, उन्होंने विरोध-प्रदर्शन के कारण हुई मौतों पर माफी मांगी है। बोलुआर्टे ने शुक्रवार देर रात अपने संबोधन में दिसंबर से अब तक विरोध प्रदर्शन में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों में ज्यादातर लोग प्रदर्शनकारी थे जो सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष में मारे गए हैं।

पेरू में एक महीने से अधिक समय से चले सरकार विरोधी प्रदर्शनों में इस सप्ताह हिंसा का सबसे घातक मुकाबला दर्ज किया है। यह सब तब शुरू हुआ जब कैस्टिलो को राष्ट्रपति के रूप में बाहर कर दिया गया और दिसंबर की शुरुआत में विद्रोह के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। कैस्टिलो ने तीसरे महाभियोग के मुकदमे से बचने के लिए कांग्रेस को भंग करने और डिक्री द्वारा शासन करने का भी प्रयास किया लेकिन नाकाम रहे।

जानकारी के मुताबिक, पेरू के अटॉर्नी जनरल ने अब तक के सबसे हिंसक सामाजिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान तीन दर्जन से अधिक नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए जांच शुरू कर दी है।

पेरू में विरोध-प्रदर्शन मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है। आंदोलनकारी तत्काल चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं और राष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे से इस्तीफा मांग रहे हैं। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो की रिहाई, आंदोलन में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इसबीच मानवाधिकारों पर अंतर-अमेरिकी आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल पेरू पहुंच गया है।  (एएमएपी)