नेपाल के पोखरा में हुए रविवार को हुए भीषण विमान हादसे में 68 लोगों की जान चली गई। हालांकि पर्वतीय इलाकों से घिरे नेपाल में विमान हादसों का पुराना इतिहास रहा है। नेपाल में पिछले 23 सालों में 17 बड़े विमान हादसे हुए हैं। जिसमें 300 से अधिक लोगों की मौत हुई है। नेपाल में हुए विमान और हेलीकॉप्टर हादसों की जानकारी।नेपाल के पोखरा में येती एयरलाइंस का विमान पहाड़ी से टकराकर नदी खाई में जा गिरा। विमान में पांच भारतीयों और चालक दल के चार सदस्यों समेत 72 लोग सवार थे। पोखरा हवाईअड्डे पर उतरने से महज 10-20 सेकंड पहले ही विमान अनियंत्रित हो गया था। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने बताया, विमान ने सुबह 10:33 बजे काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरी। सुबह करीब 11 बजे पोखरा हवाईअड्डे पर उतरते समय विमान पुराने हवाईअड्डे और नए हवाईअड्डे के बीच सेती नदी की खाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हवाईपट्टी पर उतरने से पहले विमान अनियंत्रित हो गया और लहराते हुए खाई में जा गिरा।

29 मई 2022: तारा एयरलाइंस का विमान डीएचसी-6 ट्विन ओटर विमान नेपाल के मस्टैंग में दुर्घटनाग्रस्त। हादसे में सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 16 नेपाली, चार भारतीय और दो जर्मन शामिल थे। पोखरा से उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

27 फरवरी 2019: पूर्वी नेपाल में खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें पर्यटन मंत्री सहित सभी सात लोगों की मौत हो गई।

12 मार्च 2018: खराब मौसम के कारण बांग्लादेशी एयरलाइनर का विमान काठमांडु एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त, इस हादसे में 71 में से 51 की मृत्यु हो गई।

26 फरवरी 2016: पश्चिमी नेपाल का कालीकोट जिले में छोटे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई।

24 फरवरी 2016: खराब मौसम के कारण हुई दुर्घटना में सभी 23 लोगों की मौत हो गई। तारा एयरलाइंस का इस विमान ने पोखरा से उड़ान भरा था।

16 फरवरी 2014: खराब मौसम के कारण हुई दुर्घटना में छोटे विमान में सवार सभी 18 लोग मारे गए।

28 सितंबर 2012: काठमांडु से उड़ान भरने के बाद विमान एक पक्षी से टकरा गया और कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इसमें सवार 7 ब्रिटिश तथा 5 चीनी यात्रियों सहित 19 लोगों की मौत।

25 सितंबर 2011: माउंट एवरेस्ट देखने के लिए विदेशी पर्यटकों को लेकर उड़ा विमान काठमांडू के पास खराब मौसम में दुर्घटनाग्रस्त, सभी 19 लोगों की मौत।

16 दिसंबर 2010: पूर्वी नेपाल के रिमोट इलाके में हिमालय की तलहटी में एक छोटा विमान दुर्घटनाग्रस्त। इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत

24 अगस्त 2010: नेपाल में खराब मौसम के कारण छोटा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 14 लोग मारे गए। इनमें 4 अमेरिकी, एक जापानी तथा ब्रिटिश नागरिक थे।

8 अक्टूबर 2008: पूर्वोत्तर नेपाल के सुदूर पहाड़ों में छोटा निजी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें 18 लोग मारे गए, ज्यादातर विदेशी थे।

4 मार्च 2008: नेपाल में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई जिसमें चार संयुक्त राष्ट्र हथियार मॉनिटर थे।

21 जून 2006: एक निजी नेपाली यात्री विमान लैंडिंग से पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गई। सभी 9 लोगों की मौत।

25 मई 2004: माउंट एवरेस्ट क्षेत्र में एक छोटा मालवाहक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, तीन लोगों की मौत।

22 अगस्त 2002: विदेशी पर्यटकों को ले जा रहा एक विमान खराब मौसम के कारण पहाड़ से टकरा गया। सवार सभी 18 लोगों की मौत।

27 जुलाई 2000: पश्चिमी नेपाल में ट्विन ओटर यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार सभी 25 लोगों की मौत।

अंजू लैंडिंग के बाद बन जातीं कैप्टन

रविवार को हादसे का शिकार हुए विमान की को-पायलट अंजू खतिवड़ा थीं। इस विमान की उड़ान के बाद उन्हें कैप्टन का प्रमाण पत्र मिलने वाला था। बिराटनगर निवासी अंजू की मौत से नेपाल के प्रदेश एक में शोक की लहर है। अंजू के एक रिश्तेदार ने बताया, उनकी मौत की खबर से बिराटनगर में सन्नाटा पसर गया। अंजू के पायलट पति की भी वर्ष 2006 में विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी।

पति की मौत के बाद अंजू ने अमेरिका जाकर पायलट बनने की पढ़ाई की और प्रशिक्षण लिया। अंजू ने 12वीं तक भारत में ही शिक्षा ली थी। रिश्तेदार ने बताया, पायलट कमल केसी उड़ा रहे थे। को-पायलट के रूप में अंजू खतिवड़ा विमान पर सवार थीं। अंजू को 100 घंटे जहाज उड़ाने का अनुभव था। वह इससे पूर्व भद्रपुर, बिराटनगर, धनगढी सहित अन्य हवाईअड्डों पर सफल उडान कर चुकी थी। इस उड़ान के बाद उन्हें कैप्टन का प्रमाणपत्र मिलना था। (एएमएपी)