केंद्र की मोदी सरकार के ढांचागत सुधारों और मेक इन इंडिया जैसे कदमों के सुखद परिणाम आज इस रूप में सामने आने लगे हैं कि भारत का सेवा निर्यात क्षेत्र इस समय काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष में सेवाओं का निर्यात करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को पार कर जाएगा।दुनिया में मंदी, मुद्रास्फीतिक दबाव और जिंसों की ऊंची कीमतों के बावजूद वस्तुओं का निर्यात अच्छा रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस संबंध में बताते हैं कि वस्तुओं के निर्यात की बात की जाए, तो यह क्षेत्र भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन सब दबावों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह अप्रैल-दिसंबर 2022 में देश का निर्यात 9% बढ़ा है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ”वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों तथा दुनिया के प्रत्येक हिस्से से दबाव की खबरों के बीच कुल मिलाकर यह एक बहुत ही संतोषजनक साल होगा।’6 उन्होंने कहा कि सरकार के संरचनात्मक सुधारों तथा ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं। सेवाओं की बात करें, तो हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। सेवाओं के मामले में हम निर्यात में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेंगे। हम 300 अरब डॉलर के सेवा क्षेत्र के निर्यात लक्ष्य को पार कर लेंगे।”
हाल ही में दिखा सेवाओं के निर्यात का अनुमानित मूल्य 235.81 अरब डॉलर
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2022 में सेवाओं के निर्यात का अनुमानित मूल्य 235.81 अरब डॉलर है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 184.65 अरब डॉलर था। 2021-22 में, इन निर्यातों ने 254 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया।
पिछले दशक में भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का सालाना निर्यात 260 से 330 अरब डॉलर के बीच रहा है। सबसे ज्यादा 330 अरब डॉलर का निर्यात वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान हुआ है। इस बार पड़ोसी देशों खासकर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) देशों को उल्लेखनीय मात्रा में निर्यात हुआ है। वहीं भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का व्यापार कैलेंडर वर्ष 2022 (जनवरी से दिसंबर) में 1 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर ($1.17 ट्रिलियन) के ऊपर पहुंच गया है। (एएमएपी)