त्रिपुरा में पिछली बार माकपा के गढ़ को ढहाकर सत्तारूढ़ हुई भाजपा ने इस बार के मुकाबले के लिए न सिर्फ सामाजिक व राजनीतिक समीकरण साधे हैं, बल्कि अपने विरोधी दलों में भी सेंधमारी की है। भाजपा की पहली 54 उम्मीदवारों की सूची में 11 महिलाएं व दो मुस्लिम उम्मीदवार भी शामिल हैं। इसके साथ ही उसने केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक को भी चुनाव मैदान में उतारा है।त्रिपुरा में भाजपा की दिक्कत इस बार इसलिए ज्यादा बढ़ी है, क्योंकि माकपा व कांग्रेस मिलकर चुनाव मैदान में है। दूसरी तरफ भाजपा का गठबंधन गड़बड़ाया हुआ है। ऐसे में भाजपा दूसरे दलों में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने इस बार दो मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, इनमें से एक मोहम्मद मोबेशर अली जो एक दिन पहले ही माकपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी ने बॉक्सनगर से तफ्फजल हुसैन को टिकट दिया है। भाजपा ने अब तक 11 महिलाएं भी उतारी हैं। इनमें खास नाम केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक हैं। उन्हें धनपुर सीट से मैदान में उतारा गया है।

भाजपा नेताओं अनिल बलूनी और संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा की। मुख्यमंत्री माणिक साहा को टाउन बोरदोवाली से प्रत्याशी बनाया गया है। मुख्यमंत्री पद छोड़कर केंद्रीय राजनीति में आए बिप्लब कुमार देव इस बार चुनाव मैदान में नहीं होंगे। उनकी सीट रही बनमालीपुर से प्रदेश अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्जी चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने छह विधायकों के टिकट भी काटे हैं।

भाजपा ने राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए सारे दांव खेले हैं। पार्टी की रणनतिक कमान परोक्ष रूप से गृहमंत्री अमित शाह संभाले हैं। भाजपा की पूरी कोशिश पूर्वोत्तर को कांग्रेस शासन मुक्त रखने व माकपा को फिर से न लौटने देने पर है। यही वजह है कि सत्ता विरोधी माहौल कम करने के लिए उसने बीते साल मुख्यमंत्री भी बदल दिया था। गौरतलब है कि पिछली बार भाजपा ने अकेले दम पर बहुमत तो हासिल कर लिया था, लेकिन उसके और माकपा के बीच वोटों के शेयर में महज सवा फीसदी का ही अंतर था। (एएमएपी)