बता दें कि फिजी और चीन में 2011 में सुरक्षा समझौते को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद 2021 में चीन ने फिजी में एक चीनी पुलिस संपर्क अधिकारी को तैनात किया था। अब फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने द फिजी टाइम्स से कहा है कि उन्हें समझौते को जारी रखने की कोई जरूरत नहीं है।
भारत से संबंध मजबूत
फिजी प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है। यह देश बहुत छोटा है। यहां की आबादी की बात करें तो महज 9 लाख आबादी है। यह देश 18 हजार 264 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इस देश की खोज 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान डच और अंग्रेज खोजकर्ताओं ने की थी।
भारत और फिजी का संबंध तबसे है जब भारत अंग्रेजों के अधीन था। अंग्रेजों ने काम के लिए भारत से बड़ी संख्या में लोगों को फिजी भेजा था। इसमें अधिकतर नागरिक उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे। ऐसे में फिजी में भोजपुरी बोली का काफी ज्यादा प्रभाव है। फिजी मे बोली जाने वाली हिन्दी अवधी भाषा का ही एक स्वरूप है। फिजी मे अवध क्षेत्र का बहुत प्रभाव है, यहां रामायण का बोली पर भी बहुत गहरा प्रभाव है।
पीएम मोदी और राबुका में दोस्ती
पीएम मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री राबुका में अच्छी खासी दोस्ती है। फिजी में 16 साल के बाद सित्विनी राबुका के रूप में नया प्रधानमंत्री मिला तो पीएम मोदी ने तुरंत बधाई दी। राबुका को देश में त्रिशंकु संसद के चुनाव के बाद कांटे की टक्कर में जीत मिली थी। राबुका 2021 में गठित राजनीतिक दल पीपुल्स एलायंस के नेता हैं।
जब राबुका पीएम बने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सित्विनी राबुका को ट्वीट कर बधाई दी। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं भारत और फिजी के बीच घनिष्ठ और लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।’(एएमएपी)