तीन बसों के बराबर बड़ा है गुब्बारे का आकार।
यह है पूरा मामला, अमेरिका ने कही ये बात
पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा, “संयुक्त राज्य सरकार ने एक उच्च ऊंचाई वाले निगरानी गुब्बारे का पता लगाया है। उस पर नज़र रख रही है, जो अभी महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका के ऊपर उड़ रहा है।”
बता दें कि पेंटागन अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय है। यह दुनिया की सबसे बड़ी आफिस बिल्डिंग कही जाती है। इस इमारत का निर्माण द्वितीय विश्व युद्व के समय शुरू हो कर 15 जनवरी 1943 तक चला था। तब इसके निर्माण पर 8 करोड़ 30 लाख डालर की लागत आई थी।
राइडर ने कहा,”नोराड (नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड) इसे ट्रैक करना और निगरानी करना जारी रखे हुए है।” उन्होंने कहा, गुब्बारे को गुरुवार को मोंटाना में देखा गया था और कहा जाता है कि यह तीन बसों के आकार का है। उन्होंने कहा कि बलून कमर्शियल एयर ट्रैफिक से काफी ऊंचाई पर उड़ रहा था। यह जमीन पर लोगों के लिए मिलिट्री या शारीरिक खतरा नहीं है।
एक सीनियर डिफेंस आफिसर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को इस घटना के बारे में जानकारी दी गई है। पेंटागन भी कई विकल्पों की तलाश कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले और अमेरिकी उत्तरी कमान के जनरल ग्लेन वानहर्क ने जमीन पर लोगों की सुरक्षा को देखते हुए और संभावित जोखिम के कारण एक्शन नहीं करने की सिफारिश की है।
अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में हम आकलन कर रहे हैं कि इस बलून में एक खुफिया संग्रह के दृष्टिकोण से इसे लेकर खतरा नहीं है। फिर भी हम विदेशी खुफिया संग्रह की खुफिया जानकारियों के बचाव के लिए कदम उठा रहे हैं।
चीन हरकतों को लेकर लगातार अलर्ट है अमेरिका
अमेरिका का मानना है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया भर में लोकतंत्र और समृद्धि के लिए गंभीर आर्थिक और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है। इसी को देखते हुए अमेरिका में भारतीय मूल के 3 लोगों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति को चीन पर नवगठित हाउस कमेटी का रैंकिंग सदस्य बनाया गया है। वहीं, डॉ. अमी बेरा को खुफिया मामलों को देखने वाली अमेरिकी सदन की शक्तिशाली समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। एक अन्य भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना को भी इस नई समिति का सदस्य बनाया गया है।
भारत के साथ अमेरिका की बढ़ती नजदीकियां
अमेरिका की भारत के साथ बढ़ती नजदीकियां भी चीन के लिए तनाव बनती जा रही हैं। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत-अमेरिका की महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल यानी क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) को दोनो देशों के लिए एक डेमोक्रेटिक टेक्नोलॉजी ईकोसिस्टम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया है। बता दें कि iCET को भारत-अमेरिका संबंधों में ‘नेक्स्ट बिग थिंग’ के रूप में पेश किया जा रहा है। 31 जनवरी को यहां व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए ) जेक सुलिवन और भारत के एनएसए अजीत के डोभाल ने लॉन्च किया था। (एएमएपी)