भूकंप के हल्के-हल्के झटके आना कैसे फायदेमंद
ट्रिपल जंक्शन 3 टेक्टोनिक प्लेट की सीमाएं मिलने का बिंदु है। भौगोलिक गतिविधि में ये महत्वपूर्ण क्षेत्र होते हैं और भूकंपीय व ज्वालामुखी संबंधी गतिविधि के महत्वपूर्ण स्थल हो सकते हैं। इन प्लेटों की गतिविधि पृथ्वी की ऊपरी सतह पर दबाव बना सकती हैं जो भूकंप के रूप में सामने आ सकती हैं। मिश्रा ने कहा कि तुर्की में 2 ट्रिपल जंक्शन थे। उन्होंने कहा, ‘दरअसल इस क्षेत्र में कोई छोटे भूकंप नहीं आए तो वहां काफी दबाव एकत्रित हो गया। भारत भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है लेकिन हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे यहां हर दिन कई छोटे-छोटे भूकंप आते हैं इसलिए एकत्र हुई ऊर्जा निकल जाती है।’
भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करना जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार, किसी इमारत की रेजानेंट फ्रीक्वेंसी (गुंजायमान आवृति) भूकंप के दौरान उसे होने वाले नुकसान को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती है। इमारतों में कंपन की प्राकृतिक आवृत्तियां होती है जिसे गुंजायमान आवृत्ति कहा जाता है जो उनके द्रव्यमान, कठोरता और आकार से तय होती हैं। किसी भूकंप के आधार पर जमीनी गतिविधि इन प्राकृतिक आवृत्तियों का बढ़ा सकती है जिससे इमारत अपनी गुंजायमान आवृत्ति पर हिल सकती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, भारत का 59 प्रतिशत भूभाग भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है।
आपात स्थिति से निपटने के लिए हम कितने तैयार
मिश्रा ने कहा कि मंत्रालय भूकंपीय माइक्रोजोनेशन अध्ययन के जरिए देश के भूकंपीय हानिकारक जोनेशन मानचित्र का एकीकरण कर रहा है। अभी 5 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले 30 शहर भूकंपीय जोन 3, 4, 5 और इस परियोजना के तहत आते हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक राज्य का अपना आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और आपदा मोचन बल है। उन्होंने कहा कि प्रभावी प्रतिक्रिया व शमन की ओर आदर्श बदलाव आया है। देश ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए अच्छी तरह तैयार है।(एएमएपी)