देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे तेजी से बढ़ रही है। बदलते लाइफस्टाइल, जंक फूड के प्रचलन और ऑफिस में बैठकर काम करने की जरुरतों की वजह से युवाओं में भी इस बीमारी का असर देखा जा रहा है। ब्लड शुगर का बढ़ना और घटना, दोनों ही सेहत के लिए हानिकारक है। वहीं डायबिटी एक लाइलाज बीमारी है। यानी एक बार ये बीमारी लग गई, तो सारी जिन्दगी खाने-पीने में परहेज बरतना और दवा खाना पड़ सकता है।
ये हैं इसके लक्षण
डायबिटीज से पीड़ित मरीज को प्यास अधिक लगती है। इसका असर आंखों पर भी पड़ता है और चीजें धुंधली दिखने लगती हैं। साथ ही बार-बार पेशाब की समस्या होती है। इसके अलावा, वजन घटना, थकान, जख्म भरने में देरी आदि इससे इसके मुख्य लक्षण हैं। डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया जाए तो इसके बढ़ने से दिल के रोगों, किडनी और लंग्स को नुकसान पहुंच सकता है।
चूंकि ये बीमारी लाइलाज है, इसलिए इसमें सिर्फ बढ़ते शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। शुगर को कंट्रोल में करने के लिए मिलेट राइस का सेवन काफी फायदेमंद होता है। कई रिसर्च में पता चला है कि मिलेट राइस के सेवन से बढ़ते वजन और शुगर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
बहुत फायदेमंद है मिलेट राइस
मिलेट राइस में कई आवश्यक पोषक तत्व, प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। ये मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। साथ ही पेट भी देर तक भरा रहता है। इसके सेवन से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है।
कंट्रोल में रहेगा शुगर लेवल
ग्लाइसेमिक इंडेक्स से पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज़ बनता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्सब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी को रोकने में सहायक होता है। मिलेट राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन बहुत फायदा पहुंचाता है।
एनीमिया से भी होता है बचाव
मिलेट राइस, आयरन से भी भरपूर होता है। इसके लगातार सेवन से शरीर में आयरन की कमी और एनीमिया जैसी बीमारियों से भी बचाव होता है। यह ब्लड में हीमोग्लोबिन के लेवल को भी संतुलित बनाए रखता है।(एएमएपी)