अब अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने एक बार फिर नया खुलासा कर चीन को कठघरे में खड़ा किया है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने दावा किया है कि चीन की एक प्रयोगशाला से कोरोना वायरस के उत्पन्न होने की संभावना सबसे अधिक है। इस संबंध में वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी ऊर्जा विभाग का निष्कर्ष नई खुफिया जानकारी का परिणाम है। इसे इसलिए भी महत्वपूर्ण बताया गया है क्योंकि एजेंसी के पास काफी वैज्ञानिक विशेषज्ञता है।
ऊर्जा विभाग की इस रिपोर्ट को वर्गीकृत खुफिया रिपोर्ट के माध्यम से अधिसूचित कर हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अमेरिकी संसद के प्रमुख सदस्यों को सौंपा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 वायरस एक चीनी प्रयोगशाला के माध्यम से फैला था। इससे पहले एफबीआई ने भी निष्कर्ष निकाला था कि 2021 में चीन में एक प्रयोगशाला में रिसाव के कारण कोरोना महामारी उत्पन्न हुई थी। एजेंसी अभी भी अपने दृष्टिकोण पर कायम है।
उल्लेखनीय है कि 2019 के अंत में पहली बार कोरोना वायरस की पुष्टि चीन के शहर वुहान में हुई थी। इसके बाद से ही इसकी उत्पत्ति के लिए चीन को शक की नजरों से देखा जाता है। दअअसल, चीन पर पहले भी इस तरह के प्रयोग करने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, चीन ने हर बार इन आरोपों को खारिज किया है। चीन का कहना है कि वह वायरस बाहर से आया था, या फिर जानवरों से मानवों में आया।(एएमएपी)