बूथ स्तर तक पहुंचने के लिए मायावती ने बनाई रणनीति
कांशीराम जयंती को लेकर मायावती ने कई तैयारियां की हैं। बसपा ने अपने काडर को फिर से सक्रिय करने और लोगों को जागरूक करने के लिए कांशीराम के संघर्षों और जीवन से जुड़ा गाना तैयार करवाया है। पार्टी की रणनीति इस गाने को 15 मार्च के दिन प्रदेश के तमाम गांवों में बजाने की है। मुख्य सेक्टर से लेकर बसपा के बूथ लेवल के प्रभारियों को साफ निर्देश दिया गया है कि वे इसके लिए तैयारियां शुरू कर दें। इस गीत में शोषित, गरीब, दलित आदि जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे स्पष्ट है कि मायावती फिर से गरीबों, दलितों और शोषित वर्ग के समाज को बसपा से जोड़ने की कोशिश में जुट गई हैं।
धीरे-धीरे बीजेपी ने दलित वोटर्स में की सेंधमारी
एक समय माना जाता था कि प्रदेश के बड़ी संख्या में दलित वोटर्स का मायावती को समर्थन हासिल है। चुनावों में एकतरफा वोट बसपा को जाते थे, लेकिन 2014 के बाद से साल-दर-साल भाजपा ने समीकरण को बदल दिया है। मुफ्त राशन समेत कई योजनाओं के जरिए मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में दलित वोटों में बड़ी सेंधमारी की है। यही वजह है कि मायावती को कुछ चुनावों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। अब जब लोकसभा चुनाव के लिए महज एक साल का समय ही बचा है, तो बसपा बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने में जुट गई है। इसके अलावा, पार्टी के अंदरखाने यह भी चर्चाएं तेज हैं कि बसपा ने प्रदेश के युवा वोटर्स को भी पार्टी से जोड़ने की रणनीति तैयार की है। इसके तहत मायावती अपने भतीजे आकाश को जल्द कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं। लंदन से पढ़े आकाश पिछले कुछ सालों से बसपा में सक्रिय हैं और कई पदयात्राएं व रैलियां कर चुके हैं। वहीं, पंजाब विधानसभा चुनाव में भी मायावती ने उन्हें जिम्मेदारी दी थी। अब माना जा रहा है कि 26 मार्च को होने वाली आकाश की शादी के मौके पर उन्हें पार्टी के भीतर कोई अहम जिम्मेदारी दी सकती है।(एएमएपी)



