दुष्कर्म-अपहरण जैसे गंभीर मामलों में आरोपी और भारत से फरार नित्यानंद अब अमेरिका के लिए सिरदर्द बन गया है। स्वघोषित भगवान और काल्पनिक देश कैलासा बसाने वाले नित्यानंद ने अमेरिका के 30 शहरों में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। धोखाधड़ी की सच्चाई पता चलने के बाद अब अमेरिका के शहरों को इस बात का अफसोस हो रहा है कि उन्होंने नित्यानंद के बारे में पहले जांच-पड़ताल क्यों नहीं की।फर्जीवाड़े का ये मामला सिस्टर सिटी एग्रीमेंट को लेकर सामने आया है। दरअसल, यह एग्रीमेंट किन्हीं दो देशों के दो शहरों के बीच होता है। इससे इन शहरों के बीच शैक्षणिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध मजबूत होते हैं। अमेरिका की बात की जाए तो साल 1955 में चुनाव जीतकर ड्वाइट डेविड आइजनहावर अमेरिका के राष्ट्रपति बने। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका की सत्ता संभालने वाले आइजनहावर ने सिस्टर सिटीज इंटरनेशनल (SCI) के रूप में पहल की।

भगोड़े नित्यानंद ने भी अमेरिका के इस सिस्टर सिटी एग्रीमेंट का फायदा उठाया। एक रिपोर्ट के मुताबिक नित्यानंद ने अपने ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ के जरिए 30 से ज्यादा अमेरिकी शहरों के साथ सिस्टर सिटी समझौता साइन कर लिया। समझौता करने वाले शहरों में अमेरिका के महत्वपूर्ण नेवार्क, रिचमंड, वर्जीनिया, डेटन, ओहियो, बुएना पार्क और फ्लोरिडा जैसे शहर शामिल हैं।

अमेरिका की न्यू जर्सी काउंटी (प्रांत) के सबसे बड़े शहर नेवार्क (Newark) के साथ कैलासा ने 12 जनवरी 2023 को सिस्टर-सिटी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके लिए बकायदा एक कार्यक्रम का आयोजन नेवार्क के सिटी हॉल में किया गया था। इस कार्यक्रम की जानकारी शेयर करते हुए ही नित्यानंद ने 30 से ज्यादा अमेरिकी शहरों के साथ कैलासा के समझौते का दावा किया था।

अमेरिका में फिलहाल इस बात की पड़ताल की जा रही है कि क्या ऐसे और शहर तो नहीं हैं, जिनके साथ नित्यानंद के कैलासा ने फर्जी समझौते किए हैं। अमेरिका मीडिया फॉक्स न्यूज ने समझौते की बात पर प्रतिक्रिया लेने के लिए अमेरिका के कई शहरों के अधिकारियों से बात की। 30 में से अधिकतर शहर ने इस बात की पुष्टि कर दी कि उन्होंने गलती से नित्यानंद के कैलास के साथ सिस्टर-सिटी एग्रीमेंट कर लिया था।

नॉर्थ कैरोलिना काउंटी के जैक्सनविल शहर की तरफ से कहा गया कि वह कैलासा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने हमसे कुछ गुजारिश की थी, लेकिन हमने उनकी गुजारिश को स्वीकार नहीं किया है। फॉक्स न्यूज ने इस धोखाधड़ी का शिकार होने वाले अमेरिकी शहरों को भी कुछ हद तक दोषी ठहराया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर शहर के जिम्मेदार अधिकारी नित्यानंद के बारे में गूगल पर सर्च ही कर लेते तो इस तरह की गलती नहीं होती।

रिपोर्ट के मुताबिक भगोड़े नित्यानंद ने दावा किया था कि अमेरिकी कांग्रेस के दो सदस्यों ने कैलासा को विशेष मान्यता दी है। इनमें एक कैलिफोर्निया से US कांग्रेस की महिला सदस्य नोर्मा टोरेस हैं। नोर्मा सदन की विनियोग समिति में भी शामिल हैं। दावे के मुताबिक ओहियो से रिपब्लिकन सांसद ट्रॉय बाल्डरसन ने भी  कैलासा के लिए मान्यता को हरी झंडी दी।

नेवार्क शहर के संचार विभाग में प्रेस सचिव सुसान गैरोफलो ने ऐजेंसी को बताया था कि जैसे ही उन्हें कैलासा के आसपास की परिस्थितियों के बारे में पता चला, नेवार्क शहर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सिस्टर सिटी समझौते को रद्द कर दिया। उन्होंने धोखाधड़ी के आधार पर आयोजित किए गए कार्यक्रम को भी शून्य घोषित कर दिया। हालांकि, गैरोफलो ने उस घटना पर खेद भी जताया।(एएमएपी)