संगीत ने जोड़ा खाकी को एक दूसरे से, बड़े अधिकारी से कॉन्स्टेबल तक गाते हैं एक मंच पर।
दिन भर गुंडों, बदमाशों, अपराधियों और असामाजिक तत्वों के बीच घिरी रहने वाली पुलिस यदि रोजाना अपने तनाव को कम करने के लिए मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मुकेश और मन्ना डे जैसे दिग्गज पार्श्व गायकों के सदाबहार नगमों को गुनगुनाए, तो आपको जानकर या पढ़कर आश्चर्य तो होगा, लेकिन महाराष्ट्र के पुणे में स्थित छावनी पुलिस स्टेशन में ऐसा रोज होता है।
यहां का थाना स्टाफ रोजाना शाम को विशेष संगीत सत्र का आयोजन ‘स्ट्रेस बस्टर’ के रूप में करता है। सभी पुलिसकर्मी यहां एकसाथ आकर गाते हैं। इससे उनमें सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है और सबके बीच संबंध भी प्रगाढ़ हो गए हैं। इस पहल का महत्वपूर्ण परिणाम इस रूप में भी निकलकर आया कि अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को साझा नहीं करने वाले कर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खुल कर संवाद करना शुरू कर दिया।
वरिष्ठ निरीक्षक अशोक कदम ने बताया कि पुलिस पर काम को लेकर बहुत दबाव रहता है, जिसके कारण वे कई बार तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसका असर काम के साथ उनकी निजी जिंदगी पर भी पड़ता है। ऐसे में इस पहल के जरिए उन्हें तनाव मुक्त करने की कोशिश की गई है। इस थाने के एक कमरे में म्यूजिक रूम की व्यवस्था है, जहां साउंड सिस्टम, स्पीकर, साउंड मिक्सर लगाया गया है। यह पुलिस स्टेशन न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि शायद देश का पहला ऐसा स्टेशन है, जहां पुलिस के अधिकारी से लेकर कॉन्स्टेबल तक एक मंच पर संगीत के जरिए अपनी चिंताओं को दूर भगाते हैं।
स्थानीय गुरुद्वारा बना इस अभिनव पहल का साझेदार
कोरोना महामारी खत्म होने के बाद संगीत चिकित्सक डॉ. संतोष बोराडे ने थाना पुलिस को गीत-संगीत का यह विशेष सत्र आयोजित करने का परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि संगीत तनाव को दूर करता है। ऐसे में उनके सुझाव पर थाने में छोटा स्पीकर और माइक लगवाया गया। इसके बाद उत्साहित पुलिसकर्मियों ने संगीत में रुचि दिखानी शुरू की। अधिकारियों ने थाने में साउंड सिस्टम, मिक्सर और सिंगिंग माइक जैसे कुछ उच्च-स्तरीय उपकरण खरीदने की योजना बनाई। उनके इस कदम में स्थानीय गुरुद्वारे ने मदद की और सारे सिस्टम थाने में व्यवस्थित किए गए।
उच्च अधिकारियों ने भी सराही सार्थक पहल
वरिष्ठ निरीक्षक कदम ने बताया कि थाने में पुलिस अधिकारी, कांस्टेबल और चपरासी सहित 15 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो संगीत कक्ष में नियमित रूप से गाते हैं। इस पहल के बारे में पुलिस आयुक्त और संयुक्त पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारियों को पता चला तो उन्होंने भी थाने के कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया।
थाना क्षेत्र के नागरिक भी हैं प्रशंसक
सब इंस्पेक्टर विनायक गुजर ने बताया कि नौकरी की वजह से संगीत का शौक पीछे छूट गया था। अब हर दिन ड्यूटी के बाद गीत-संगीत का निरंतर अभ्यास करते हैं। थाने का पूरा स्टाफ रोज शाम 7 बजे के बाद संगीत कक्ष में एकत्र होता है। संगीत ने थाना क्षेत्र की जनता को भी हमसे जोड़ा है। वे भी उनके साथ शामिल होते हैं।(एएमएपी)