रमजान के महीने में भी पाकिस्तान की जनता को महंगाई से राहत नहीं मिली है। बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। सेंसिटिव प्राइस इंडीकेटर (SPI) के अनुसार, पाकिस्तान में मार्च के अंतिम सप्ताह में महंगाई 47 प्रतिशत तक पहुंच गई है। पाकिस्तान के ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स ने यह डाटा जारी किया है। इसके चलते पाकिस्तान में रोजमर्रा की चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और पहले से ही परेशानी में घिरी पाकिस्तानी जनता इसमें पिस रही है।

पाकिस्तान में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची

पाकिस्तान के ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स के डाटा के अनुसार, प्याज की कीमतों में (228 प्रतिशत), गैस (108 प्रतिशत), आटा (120 प्रतिशत), सिगरेट (165 प्रतिशत), डीजल (102 प्रतिशत), चाय (94 प्रतिशत), केले (89 प्रतिशत),  चावल बासमती (81 प्रतिशत), पेट्रोल (81 प्रतिशत), अंडे (79 प्रतिशत) कीमतें बढ़ गई हैं। डाटा के अनुसार, 51 जरूरी सामान में से 26 के दाम बढ़ गए हैं। 12 चीजों के दामों में थोड़ी कमी आई है और 13 चीजों के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिकन (8.14 प्रतिशत), मिर्ची पाउडर (2.31 प्रतिशत), एलपीजी (1.31 प्रतिशत), सरसों का तेल और लहसुन (1.19 प्रतिशत), घी (0.83), खाद्य तेल (0.21 प्रतिशत) की कमी आई है।

पाकिस्तान के पेशावर के बाजार में ये रहीं रोजमर्रा के सामान की कीमतें

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के खाद्य निदेशालय के अनुसार, पेशावर के बाजार में खाने पीने की चीजों के दाम इस प्रकार रहे- आटा (123 रुपए किलो), सूजी (170 रुपए किलो),  चना दाल (260 रुपए किलो), मूंग दाल (420 रुपए किलो), दूध 160 (रुपए लीटर), देसी घी (2000 रुपए किलो), अंडे (235 रुपए दर्जन), केले (140-320 रुपए दर्जन), प्याज (120 रुपए किलो)

आईएमएफ से नहीं मिल रही लोन की किस्त

हालांकि पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर ये है कि उसके विदेशी मुद्रा भंडार में थोड़ा इजाफा हुआ है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 17 मार्च 2023 बढ़कर 10.14 बिलियन डॉलर हो गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के चलते पाकिस्तान को भुगतान में काफी समस्या आ रही है। आईएमएफ से लोन की 1.1 बिलियन डॉलर की किस्त को लेकर बातचीत अटकी हुई है। बता दें कि आईएमएफ ने साल 2019 में पाकिस्तान को 6.5 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का एलान किया था। पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए यह पैकेज बेहद अहम है। हालांकि आईएमएफ की शर्तों को लेकर इस बेलआउट पैकेज की 1.1 बिलियन डॉलर की किस्त अटक गई है। (एएमएपी)