भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आज यानी 6 अप्रैल को अपना 43वां स्थापना दिवस मना रही है। 1980 में आज ही के दिन भगवा पार्टी का गठन किया गया था। इसके बाद से बीजेपी ने काफी लंबा सफर तय किया है। कभी इस दल के सिर्फ दो सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे थे। आज अपने बूते लगातार दो बार से सरकार बना रही है। यह आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, जिसके पास भारत में सबसे अधिक सांसद, विधायक और विधान परिषद के सदस्य हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास का लोकार्पण करते हुए कहा था, ‘बीजेपी ने महज दो लोकसभा सीटों से अपना सफर शुरू किया था। 2019 को लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर पहुंच गई। कई राज्यों में हमें 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि आज उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक भाजपा अखिल भारतीय पार्टी बन चुकी है।
भाजपा का इतिहास

भाजपा का गठन आधिकारिक तौर पर 6 अप्रैल, 1980 को किया गया था। इससे पहले इसे भारतीय जनसंघ के नाम से जाना जाता था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जवाहर लाल नेहरू की कांग्रेस से नाता तोड़कर 1951 में इसका गठन किया था। जनसंघ का आदर्श वाक्य हिंदू पहचान और संस्कृति का संरक्षण था। जनसंघ का गठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सहयोग से किया गया था।
1952 के लोकसभा चुनाव में जनसंघ को सिर्फ तीन सीटें मिली सकी थी। हालांकि, 1975 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के बाद जनसंघ को सफलता मिली। पार्टी के कई नेताओं को इमरजेंसी का विरोध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। जब देश से आपातकाल को हटाया गया उसके बाद जनसंघ ने कई अन्य छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर जनता पार्टी का गठन किया। जनता पार्टी की 1977 में सरकार बनी और मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने।
जनता पार्टी से अलग होकर भाजपा का गठन
1984 के चुनाव में जीते सिर्फ 2 सांसद

अटल बिहारी प्रधानमंत्री बनने वाले पहले भगवाधारी
नरेंद्र मोदी ने बुलंदियों पर पहुंचाया




