आरबीआई ने विभिन्न बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि का पता लगाने के लिए तीन-चार महीने में एक केंद्रीकृत पोर्टल शुरू करने का फैसला किया है। बैंकों में बड़ी संख्या में ऐसे खाते हैं, जिनमें वर्षों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। फरवरी, 2023 तक सरकारी बैंकों ने आरबीआई को करीब 35,000 करोड़ रुपये की ऐसी जमा स्थानांतरित की है, जिनमें पिछले 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
आरबीआई गवर्नर ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद कहा, जमाकर्ताओं या लाभार्थियों की पहुंच को व्यापक करने और उसमें सुधार के लिए एक वेब पोर्टल बनाया जाएगा। इसके जरिये विभिन्न बैंकों में जमा बिना दावे वाली राशि का पता लगाया जा सकेगा। ‘सर्च’ के नतीजों को बेहतर करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) टूल का इस्तेमाल किया जाएगा।
आरबीआई के मुताबिक, एसबीआई में सबसे अधिक 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि जमा है। पंजाब नेशनल बैंक में ऐसे 5,340 करोड़ रुपये जमा हैं। केनरा बैंक में ऐसी जमा राशि 4,558 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा में 3,904 करोड़ रुपये है।
क्या होता है इन पैसों का…
ऐसी रकम की सूची अपनी वेबसाइट पर दिखाएंगे बैंक
चालू खाता घाटा : कम रहने का अनुमान
विदेशी मुद्रा भंडार : 600 अरब डॉलर से अधिक
रुपया : व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ा
सेवा निर्यात: यह 2023 के पहले दो माह में अच्छी दर से बढ़ा है। नई विदेश व्यापार नीति से यह और बढ़ेगा।
रेमिटेंस : 107.5 अरब डॉलर के सार्वकालिक उच्च स्तर पर
खाड़ी सहयोग परिषद के देशों की बेहतर वृद्धि संभावनाएं दूसरे देशों से आने वाले पैसे (रेमिटेंस) की दृष्टि से अच्छी हैं। 2022 में दूसरे देशों से आया रेमिटेंस 107.5 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया।
कंपनियों के लिए नियामकीय प्रक्रिया सुगम बनाएगा ‘प्रवाह’
घरेलू बाजार में ग्राहकों के लिए एनडीसीसी लेनदेन को रुपये में मंजूरी
इसके तहत, उन बैंकों को घरेलू बाजार में ग्राहकों को रुपये में एनडीडीसी की पेशकश की मंजूरी दी गई है, जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में बैंकिग इकाई (आईबीयू) का परिचालन करते हैं। आईएफएससी में बैंकिंग इकाइयों का संचालन करने वाले बैंकों को प्रवासियों के साथ रुपये में एनडीडीसी लेनदेन करने की मंजूरी पहले से है। यह व्यवस्था एक जून, 2020 से प्रभावी है।
– दास ने कहा, इन बैंकों को विदेशी लोगों के साथ एवं आपस में भी एनडीडीसी लेनदेन के निपटान की छूट होगी। यह अनुबंध निपटान भारतीय रुपये या विदेशी मुद्रा में किया जा सकता है।
– भारतीय निवासियों के साथ सौदा निपटान अनिवार्य रूप से रुपये में ही होगा। इस व्यवस्था से संबंधित दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
‘क्रेडिट स्कोर’ देने वाली कंपनियों पर शिकायत निपटान व्यवस्था मजबूत
– दास ने कहा, सीआईसी को आरबीआई की एकीकृत लोकपाल योजना के दायरे में लाया गया है। ‘क्रेडिट’ संबंधी जानकारी को अपडेट करने या सुधार में देर होने पर मुआवजा देने की व्यवस्था का भी प्रस्ताव है।
– सीआईसी के कामकाज के संबंध में शिकायतें बढ़ने पर लिया गया फैसला, ग्राहक सेवा को मजबूत करने और उसमें सुधार के लिए भी बनेगी व्यापक रूपरेखा
– क्रेडिट सूचना कंपनियों से किसी ग्राहक के बारे में साख संबंधी जानकारी पाने पर संबंधित ग्राहक को एसएमएस/ई-मेल के जरिये सूचित करना होगा।
– क्रेडिट संस्थानों से सीआईसी को मिलने वाले आंकड़ों के लिए समय-सीमा निर्धारित होगी। सीआईसी की वेबसाइट पर प्राप्त ग्राहकों की शिकायतों की संख्या और प्रकृति से जुड़ी जानकारी देने का प्रावधान भी किया गया है।(एएमएपी)