राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार शनिवार को भी अडानी मामले में बयान पर कायम रहे। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि इससे विपक्षी एकता को कोई खतरा नहीं है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कह दिया था कि अडानी समूह को निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने जेपीसी जांच की मांग से भी खुद को दूर कर लिया था।पवार ने कहा, ‘जब अलग-अलग दल साथ आते हैं, तो अलग-अलग मत होना लाजमी है। ऐसी ही स्थिति जब हम मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मिले थे, तब सावरकर मुद्दे पर बनी थी। मैं उस पर अपने विचार रखे और मुद्दा सुलझ गया। इसी तरह अलग-अलग विचार आते हैं, तो चर्चाएं होती हैं।’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति JPC से ज्यादा बेहतर नतीजे देगी।

उन्होंने कहा, ‘JPC की मांग हमारे सभी साथियों ने की, ये बात सच है मगर हमें लगता है कि JPC में 21 में से 15 सदस्य सत्ताधारी पार्टी के होंगे। यहां ज्यादातर लोग सत्ताधारी पर्टी के हों वहां देश के सामने सच्चाई कहां तक आएगी।’ उन्होंने देश में अंबनी और अडानी के बारे में सोचने की जरूरत की बात कही है।

 

विपक्षी एकता टूटने को लेकर उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कौन यह दावा कर रहा है। मैंने केवल अपने विचार रखे हैं बस।’ कांग्रेस की तरफ से लगाई गए 20 हजार करोड़ रुपये की अनियमितताओं के आरोपों पर पवार ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं इसके बारे में नहीं जानता। जब तक मेरे पास पूरी जानकारी नहीं होगी, मैं कुछ नहीं बोलूंगा।’

पवार ने क्या कहा था?

पवार ने साफ कर दिया है कि कारोबारी घरानों को सियासी रूप से घेरना बेकार है। उन्होंने बताया कि पहले भी ‘टाटा-बिड़ला’ को लेकर चर्चाएं रही हैं। उन्होंने कहा, ‘यह देश में कई सालों से हो रहा है। मुझे याद है कि कई सालों पहले, जब हम राजनीति में आए थे, तो अगर हमें सरकार के खिलाफ बोलना ही होता था, तो हम टाटा-बिड़ला के खिलाफ बोलते थे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘निशाना कौन थे? टाटा-बिड़ला। जब हमने टाटा के योगदान को समझा, तो हैरान रह गए हम क्यों टाटा-बिड़ला कर रहे थे। लेकिन किसी को तो निशाना बनाना था, तो हम टाटा-बिड़ला को निशाना बनाते थे। आज टाटा-बिड़ला का नाम आगे नहीं है, दूसरे टाटा-बिड़ला सरकार के सामने आ गए हैं। इसलिए अगर इन दिनों आपको सरकार पर हमला करना हो, तो अंबानी और अडानी का नाम लिया जाता है।’

कांग्रेस का रुख अलग

हालांकि, इस मामले में महाविकास अघाड़ी में राकंपा की साथी कांग्रेस के सुर पवार से अलग नजर आ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘ये उनका व्यक्तिगत मत हो सकता है। कोयला घोटाले के मामले में भी कोर्ट की कमेटी बैठाई गई थी लेकिन विपक्ष के कहने पर JPC की गई थी। अडानी मुद्दे पर JPC होनी ही चाहिए।’ जबकि, संजय राउत ने साफ कर दिया कि इससे विपक्षी एकता में दरार नहीं आएगी।(एएमएपी)