प्रसार भारती ने लिया बड़ा फैसला, आदेश जारी।

सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती ने अपनी रेडियो सेवा ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर कानून के अनुसार ‘आकाशवाणी’ करने का फैसला किया है। आकाशवाणी की महानिदेशक वसुधा गुप्ता की ओर से बुधवार को जारी एक आंतरिक आदेश में उस वैधानिक प्रावधान का तत्काल प्रभाव से अनुपालन करने को कहा गया है जिसके अनुसार ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया था।   उन्होंने कहा, ‘यह सरकार का बहुत पुराना फैसला है जिसे पहले लागू नहीं किया गया था। प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा, ‘हम अब इसे लागू कर रहे हैं।

 

प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम, BCI) अधिनियम, 1990 में उल्लेख किया गया है कि ‘आकाशवाणी’ का अर्थ उन कार्यालयों, स्टेशनों और अन्य प्रतिष्ठानों से है जो अपनी शुरुआत के दिन केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अखिल भारतीय रेडियो के महानिदेशक का हिस्सा या उसके अधीन थे।  प्रसार भारती अधिनियम 15 नवंबर, 1990 को लागू हुआ था। आंतरिक आदेश में कहा गया है, ‘उपरोक्त वैधानिक प्रावधान, जिसके तहत ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर ‘आकाशवाणी’ कर दिया था, को सभी के संज्ञान में लाया जा सकता है ताकि नाम और शीर्षक संसद द्वारा पारित प्रसार भारती अधिनियम 1997 के प्रावधानों के अनुरूप हो सकें।

प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने 1939 में कलकत्ता शॉर्टवेव सेवा के उद्घाटन के लिए लिखी गई एक कविता में ऑल इंडिया रेडियो को ‘आकाशवाणी’ का नाम दिया था।  प्रसार भारती की वेबसाइट के अनुसार आकाशवाणी मैसूर नाम का एक निजी रेडियो स्टेशन 10 सितंबर 1939 को स्थापित किया गया था। आकाशवाणी की गृह सेवा में देश भर में स्थित 470 प्रसारण केंद्र शामिल हैं जहां से 23 भाषाओं और 179 बोलियों में प्रसारण होता है। ये देश के कुल क्षेत्रफल के 92 प्रतिशत और आबादी के 99.19 प्रतिशत को कवर करता है।(एएमएपी)