पायलट ने की 5 दिन में 125 किमी की पैदल यात्रा की घोषणा।
पायलट ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं। एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी। आप कहना क्या चाहते हैं, आपको स्पष्ट करना चाहिए।’
पायलट ने अशोक गहलोत के उन आरोपों को खारिज किया जिनमें उन्होंने कहा था कि सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के कुछ विधायकों ने भाजपा से पैसे लिए थे। पायलट ने कहा कि जो लोग 30-40 साल से सार्वजनिक जीवन में हैं उन पर चंद पैसों के लिए बिक जाने का आरोप लगा देना गलत है। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए वरिष्ठ नेता हेमाराम का उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने सार्वजनिक कामों के लिए 100-100 करोड़ की जमीन तक दान कर दी है। उन्होंने यह भी पूछा कि यदि विधायकों ने पैसे लिए तो तीन साल तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में जाकर अपनी बात रखी थी जिसका संज्ञान लेकर तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे को जयपुर भेजा था। 25 सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा कि विधायकों की बैठक नहीं होने दी गई, यह सोनिया गांधी की अवमानना, बेइज्जती और गद्दारी थी। उन्होंने कहा कि विधायकों को उनकी मर्जी के खिलाफ इस्तीफा दिलवाया गया। पायलट ने वसुंधरा राजे को कांग्रेस सरकार की ‘रक्षक’ बताने के गहलोत के बयान पर कहा कि उन्हें अब समझ आ गया है कि क्यों सरकार पूर्व सीएम के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर ऐक्शन नहीं ले रही है।
पायलट ने कहा, ‘पिछले डेढ़ साल से लेटर लिख रहा हूं। वसुंधरा जी के कार्यकाल में तमाम भ्रष्टाचार के आरोप मैंने लगाए, गहलोत जी ने लगाए, मंचों से लगाए, पीसी करके लगाए। उनकी जांच क्यों नहीं हो रही? मुझे अब समझ आ रहा है कि जांच क्यों नहीं हुई। मैं अब नाउम्मीद हूं।’ पायलट ने 5 दिन की पैदल जन संघर्ष यात्रा निकालने का ऐलान करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ और नौजवानों के लिए वह आवाज उठाते रहेंगे। (एएमएपी)



