प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में जापान के लिए रवाना हो गए। यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता को देखते हुए जी-7 शिखर सम्मेलन में उनकी उपस्थिति विशेष रूप से सार्थक होगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि वे जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर जापानी अध्यक्षता के तहत जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा के लिए रवाना हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल में ही भारत-जापान शिखर सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा करने के बाद प्रधानमंत्री किशिदा से फिर भेंट होना प्रसन्नता की बात होगी। चूंकि इस साल भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, इसे देखते हुए जी-7 शिखर सम्मेलन में मेरी उपस्थिति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जी-7 के सदस्यों और अन्य आमंत्रित भागीदार देशों के साथ विश्व के सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें सामूहिक रूप से संबोधित करने से संबंधित विचारों के आदान-प्रदान को लेकर उत्सुक हूं। इसके अलावा मैं हिरोशिमा जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जापान के बाद पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी का दौरा करूंगा। पापुआ न्यू गिनी की यह मेरी पहली यात्रा होगी। इसके साथ ही यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है।
उन्होंने जानकारी दी कि 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ संयुक्त रूप से भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग फोरम (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आभारी हूं कि सभी 14 प्रशांत द्वीप के देशों (पीआईसी) ने इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए निमंत्रण को स्वीकार किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्मरण कराया कि एफआईपीआईसी का गठन साल 2014 में उनकी फिजी यात्रा के दौरान किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं पीआईसी नेताओं के साथ एक मंच पर लाने वाले मुद्दों जैसे कि जलवायु परिवर्तन व सतत विकास, क्षमता निर्माण व प्रशिक्षण, स्वास्थ्य व कल्याण, बुनियादी ढांचा और आर्थिक विकास पर बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी ऑस्ट्रेलिया दौरे की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अल्बनीज के निमंत्रण पर सिडनी की यात्रा करूंगा। मैं भारत-ऑस्ट्रेलिया बैठक के लिए उत्सुक हूं, जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने और इस साल मार्च में नई दिल्ली में आयोजित हुए पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक शिखर सम्मेलन पर आगे की कार्रवाई करने का अवसर होगा। आगे उन्होंने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया में सीईओ और व्यापार जगत की प्रमुख हस्तियों के साथ भी बैठक करूंगा और सिडनी में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान भारतीय समुदाय से भी मिलूंगा।(एएमएपी)