इस दौरान उन्होंने यह भी याद दिला दिया कि 2008 और 2018 में भाजपा की तरफ से पहली बार कथित तौर पर उन्हें ही ऑफर मिला था, लेकिन वह कांग्रेस छोड़कर नहीं गए। राव ने कहा ‘2019 में मैंने 15 विधायकों के दल बदलने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पीसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसा नहीं था कि मैं अपना काम करने में सक्षम नहीं था, ऐसा इसलिए कि क्योंकि मेरी नजर में रहते ये दल बदल हुए।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि आलाकमान मेरे योगदानों को याद रखेगा।’ शनिवार को ही शिवकुमार ने डिप्टी सीएम और सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। समारोह के दौरान कर्नाटक सरकार में 8 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी।
नहीं होगी पॉवर शेयरिंग
खबरें थीं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी मंथन के बीच शिवकुमार पॉवर शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमत हुए थे। इसी बीच कांग्रेस विधायक और नए मंत्री एमबी पाटिल ने दावा कर दिया है कि दोनों नेताओं के बीच पॉवर शेयरिंग फॉर्मूला नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता, तो हाईकमान खुद ही इस बात का ऐलान कर देती। उन्होंने दावा किया है कि सिद्धारमैया 5 साल सीएम बने रहेंगे।(एएमएपी)