पंजाब पुलिस की इंटरनल सिक्योरिटी विंग ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट के सहयोग से फेक आईडी प्रूफ के आधार पर सिम कार्ड बेचने में लिप्त डिस्ट्रीब्यूटर्स और एजेंट्स के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया। पुलिस ने इसे सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा है कि साइबर क्राइम के साथ ही देश विरोधी गतिविधियों में बड़े स्तर पर इसी तरह के सिम कार्ड्स का उपयोग किया जाता है जो फेक आईडी प्रूफ पर लिए गए हों।

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने कहा है कि फेक आईडी के आधार पर सिम कार्ड जारी करने में लिप्त सेल्स पॉइंट एजेंट्स और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया है कि पंजाब पुलिस ने इस तरह के मामलों में 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पिछले तीन दिन में इस तरह के मामलों को लेकर आईपीसी की संबंधित धाराओं में 52 एफआईआर दर्ज की है।
स्पेशल डीजीपी (इंटरनल सिक्योरिटी) आरएन ढोके ने कहा है कि टेलीकॉम विभाग और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ कई दौर की बातचीत के बाद ये कार्रवाई की गई। उन्होंने फेक आईडी के इस्तेमाल का उदाहरण देते हुए एक मामले का हवाला दिया और बताया कि एक ही फोटो के साथ अलग-अलग नाम से 500 सिम कार्ड जारी कर दिए गए थे।
पंजाब पुलिस के स्पेशल डीजी ने ये भी कहा कि आईजी काउंटर इंटेलिजेंस राकेश अग्रवाल को इस तरह सिम कार्ड्स की पहचान करने के अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने साथ ही केवाईसी नियमों का पालन नहीं किए जाने और सिम एक्टिवेट करने में फेक आईडी के उपयोग को लेकर रिटेलर्स को भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।(एएमएपी)



