श्रीगुरु पवन सिन्हा।
पांच दिवसीय दीपावली पर्व का आरंभ धन त्रयोदशी से होता है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
इस दिन सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर यमराज के निमित्त एक अन्न से भरे पात्र में दक्षिण मुख करके दीपक रखने एवं उसका पूजन करके प्रज्ज्वलित करने एवं यमराज से प्रार्थना करने पर असामयिक मृत्यु से बचा जा सकता है।
सभी रोगों के लिए औषधि कलश में लेकर प्रकट हुए थे धन्वंतरि
धनतेरस मूलत: भगवान धवन्तरी का पर्व है। उन्हें विष्णु रूप माना जाता है। अत: उनकी आराधना जरूर करें और उनको धन्यवाद जरूर करें। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। समुद्र मंथन के समय इसी दिन धन्वंतरि सभी रोगों के लिए औषधि कलश में लेकर प्रकट हुए थे।
धनतेरस के दिन अपनी शक्ति अनुसार बर्तन क्रय करके घर लाना चाहिए एवं उसका पूजन करके प्रथम उपयोग भगवान के लिए करने से धन-धान्य की कमी वर्ष पर्यन्त नहीं रहती है।
और क्या क्या कर सकते हैं
- गाय को चारा जरूर दें।
- इस दिन सिद्ध किया गया महामृत्युंजय और नारायण मंत्र घर से विपत्तियों को दूर करता है।
- साफ सफाई करने के साधन अवश्य खरीदें। ज्योतिषीय उपायों में झाड़ू का बहुत महत्त्व है। मान्यता है कि झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास होता है। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है। झाड़ू से हम अपने घर की सफाई करते हैं और उससे घर की नकारात्मकता बाहर हो जाती है।
- इस दिन अपने पढ़ने, नौकरी और व्यापार करने के स्थान में पूजा जरूर करें और अपनी गद्दी या कुर्सी जरूर खरीदें।
- हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर घर मे रखें। इसका अद्भुत परिणाम होता है। विशेषकर वो लोग जिनका पूरा परिवार बीमारियों से घिरा है वो यह जरूर करें।
- कुछ वस्तुओं का क्रय, और दान अपनी क्षमतानुसार करें। इस दिन दूसरों के लिए भी कुछ जरूर लें।
सोना चांदी ही नहीं धनिया मिट्टी तक से मनाया जा सकता है त्योहार
हमारे सभी पर्वों त्योहारों में अति सामान्य जन से धनपति समुदाय तक की भागीदारी होती है। इससे सामाजिक तानाबाना मजबूत होता है। हालांकि धनतेरस के दिन ज्यादातर लोग क्षमतानुसार सोने या चांदी के सिक्के खूब खरीदते हैं और यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
सोने या चांदी के सिक्कों पर लक्ष्मी माता और गणेश जी का चित्र बना होना चाहिए। इसका दीपावली के दिन विधिपूर्वक पूजा करने के उपरान्त तिजोरी में रख देना चाहिए। ऐसा करना धन-संपत्ति के लिए बहुत शुभ फलदायी माना गया है।
अगर किसी व्यक्ति के लिए सोना और चांदी दोनों ही लेना संभव नहीं हो तो वह पीतल की कोई वस्तु खरीद सकता है। पीतल भी धनतेरस की खरीदारी के लिए तीसरी सबसे अच्छी धातु मानी गई है। धनतेरस पर पीतल की वस्तुएं घर में शुभता लेकर आती हैं।
और कुछ नहीं तो धनिया खरीदकर भी आप धनतेरस का त्योहार मना सकते हैं। इस दिन धनिया खरीदना बहुत शुभ माना गया है। दीपावली पूजन के दौरान यही धनिया मां लक्ष्मी को अर्पित करने के बाद उसके कुछ दाने किसी गमले या मिट्टी क बर्तन में बो देने चाहिए। इससे वर्षभर आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है।
यदि किसी व्यक्ति की सोना-चांदी या पीतल भी खरीदने की क्षमता नहीं हो तो उस पर भी मां लक्ष्मी की कृपा भरपूर बरसती है। इसीलिए दीपावली पर सबसे अधिक शुभ और पवित्र मिट्टी को माना गया है। मिट्टी की बनी कई चीजें बाजार में उपलब्ध हैं जिन्हें आप अपनी जरूरत और पसंद के अनुसार धनतेरस पर खरीद सकते हैं।