संवेदनशील दस्तावेजों से संबंधित मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को निर्दोष बताया है। ट्रंप संघीय प्रतिवादी के रूप में पहली बार कोर्ट में पेश हुए। बता दें कि एफबीआई ने 10 महीने पहले ट्रंप के ठिकानों से कई खूफिया और संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए थे। इस मामले में ट्रंप के खिलाफ सात आरोपपत्र दाखिल हुए थे। मंगलवार को मियामी में एक मजिस्ट्रेट जज के सामने पेश हुए ट्रंप ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए खुद को दोषी नहीं माना।

राष्ट्रपति बाइडन पर बोला हमला

सुनवाई के बाद ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडन पर हमला बोला। ट्रंप ने उन पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के मकसद से उन्हें आरोपी बनाया गया। सुनवाई के बाद न्यूजर्सी में अपने घर पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि आज हम देश के इतिहास में सत्ता  के दुरुपयोग के साक्षी बने हैं। यह देखना बेहद दुखद है। ट्रंप ने कहा कि ‘एक मौजूदा भ्रष्ट राष्ट्रपति ने अपने विरोधियों को उन फर्जी आरोपों में गिरफ्तार कराया, जिनमें खुद वह और ना जाने कितने अन्य राष्ट्रपति भी दोषी होंगे। ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन बुरी तरह हार रहे हैं।’

संवेदनशील दस्तावेज नहीं लौटाने का है आरोप

बता दें कि ट्रंप पर जासूसी एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगा था। ट्रंप पर आरोप है कि राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी उन्होंने कई संवेदनशील दस्तावेज नेशनल आर्काइव को नहीं लौटाए। साथ ही आरोप है कि ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों को ऐसे लोगों के साथ साझा किया, जिन्हें उन दस्तावेजों को देखने का अधिकार नहीं है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार,  सरकार ने ट्रंप के ठिकानों से कई अहम संवेदनशील खूफिया दस्तावेज बरामद किए थे। साथ ही ट्रंप के उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ हुए पत्राचार के दस्तावेज भी लापता थे।

राजनीतिक भविष्य पर भी सवालिया निशान

ट्रंप पहले ऐसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन पर केंद्र की ओर से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों से उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है। क्योंकि वह 2024 में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं।(एएमएपी)