974 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लाखों लोगों के लिए साबित होगी लाइफलाइन।

वीरभूमि महोबा में नमामि गंगे परियोजना से 138 गांवों की लाखों ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। पिछले कई दशकों से पानी के लिए परेशान सैकड़ों गांवों के लोगों को लोकसभा चुनाव से पहले पीने का पानी पहुंचाने की तैयारी भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बहुप्रतीक्षित परियोजना नमामि गंगे के तहत अब की है।बुन्देलखंड की वीरभूमि महोबा में हर साल पानी के लिए ग्रामीणों में मारामारी मचती है। यहां पिछले कई दशकों से करोड़ों रुपये की लागत से धरातल पर दौड़ाई गई, पेयजल परियोजनाएं भी गर्मी के मौसम में दगा दे जाती है। महोबा शहर में ही आम लोगों को गर्मी के दिनों में पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। जिले में तीन सौ अठावन गांव हैं, जहां इन दिनों पानी के लिए लोगों में जद्दोजहद मची हुई है।

दशकों से प्यासे महोबा समेत समूचे बुन्देलखंड क्षेत्र हजारों गांवों में लोगों को मोदी सरकार ने बड़ी सौगात देते हुए जल जीवन मिशन परियोजनाओं का आगाज किया था। पेयजल परियोजनाओं के निर्माण कार्य प्रारम्भ कराने के लिए कई अरब रुपये की धनराशि भी कार्यदायी संस्थाओं को अवमुक्त की गई है। जल जीवन मिशन परियोजना को लेकर महोबा में तेजी से कार्य कराए जा रहे हैं। मौजूदा में उर्मिल डैम और बेलासागर में इंटेकबेल बनकर तैयार हो गए हैं। वहीं 29 ओवर हेड टैंक व नौ सीडब्ल्यूआर टैंक भी बनाए जा चुके हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले 138 गांवों को पानी देने की तैयारी

एडीएम नमामि गंगे परियोजना जुबैर बेर ने बताया कि महोबा जिले में 358 गांवों में शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत तेजी से कार्य कराए जा रहे है। अभी तक 220 गांवों में लोगों को कनेक्शन जरिए जलापूर्ति भी शुरू करा दी गई है जबकि करीब 138 गांवों में जलापूर्ति के लिए निर्माण कार्यों को रफ्तार दी गई है। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले ही नमामि गंगे परियोजना के सभी कार्य न सिर्फ पूरे हो जाएंगे बल्कि सभी चयनित गांवों को पीने का पानी मिलने लगेगा। एडीएम नमामि गंगे परियोजना बताया कि पूरी परियोजना 974.43 करोड़ रुपये की है।

नमामि गंगे परियोजना ग्रामीणों के लिए बनेगी लाइफलाइन

महोबा के एडीएम नमामि गंगे जुबैर बेर ने बताया कि 974.43 करोड़ रुपये की लागत की पांच पेयजल परियोजनाओं के निर्माण 72 फीसदी तक कराए जा चुके हैं। शेष कार्य इसी साल 31 जुलाई तक हरहाल में पूर्ण कराने की तैयारी भी की गई है। उर्मिल डैम, कबरई, लहचुरा डैम, तलैया समेत पांच पेयजल परियोजनाओं से चयनित 358 गांवों में 220 गांवों में जलापूर्ति शुरू कराई गई है, जबकि बाकी गांवों में भी जल्द ही जलापूर्ति शुरू कराई जाएगी। एडीएम ने बताया कि पेयजल की ये परियोजनाएं लाखों ग्रामीणों के लिए लाइफलाइन साबित होगी।(एएमएपी)