पुरुष की सबसे बड़ी उपलब्धि!
ध्रुव गुप्त ।
19 नवम्बर को दुनिया भर में पुरुष दिवस मनाया जा रहा है। हमारे हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा ने अपनी देह को दो भागों में बांट दिया था। पहला हिस्सा ‘का’ हुआ और दूसरा ‘या’। दोनों मिलकर काया बने।
पुरुष हिस्से का नाम स्वयंभुव मनु था और स्त्री हिस्से का नाम शतरूपा। उन्हीं दोनों के मेल से पृथ्वी पर मनुष्यों की उत्पति हुई।
बिल्कुल काल्पनिक-सी लगने वाली इस कथा के अर्थ बहुत गहरे हैं। अपने आप में संपूर्ण न तो पुरुष है और न स्त्री। अपनी रचना के बाद पुरुष और स्त्री दोनों अपने आधे हिस्से की तलाश में आजतक भटक रहे हैं। पुरुष को टुकड़ों में उस आधे हिस्से की उपलब्धि का सुख कभी मां में मिलता है, कभी बहन में, कभी प्रेमिका में, कभी स्त्री मित्रों में, कभी पत्नी में और कभी-कभी कल्पनाओं में भी। अधूरेपन का अहसास तब भी नहीं जाता। सब कुछ हासिल होने के बाद भी लगता है कि कहीं कुछ अप्राप्य रह गया। संपूर्णता की यह तलाश अगर कभी पूरी होगी तो उसके अपने भीतर ही पूरी होगी। सही अर्थों में पुरुष के पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष नहीं, अपने भीतर के स्त्रीत्व से साक्षात्कार है।
जिस दिन पुरुष अपने भीतर की स्त्री को उसके तमाम प्रेम, ममत्व, कोमलता और करुणा सहित पहचान और अपने जीवन में उतार लेगा, उसकी तलाश स्वतः पूरी हो जाएगी। तब पृथ्वी से इतर किसी स्वर्ग की खोज नहीं करनी होगी। यह पृथ्वी ही स्वर्ग बन जाएगी।
हमारी भारतीय संस्कृति में अर्द्धनारीश्वर की कल्पना यूं ही नहीं की गई थी।
कब और कैसे हुई शुरुआत
अमिता शर्मा।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1999 में त्रिनिदाद एवं टोबागो से हुई थी। तब से प्रत्येक वर्ष 19 नवम्बर को ‘अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस’ दुनिया के 30 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे मान्यता देते हुए इसकी आवश्यकता को बल दिया और पुरजोर सराहना एवं सहायता दी है।
- अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 1999 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्ट इंडीज के एक इतिहास व्याख्याता डॉ. जेरोम टेलेक सिंह द्वारा त्रिनिदाद बारगो में आयोजित किया गया था।
- 1992 में थॉमस ओस्टर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्घाटन किया गया था।
- डॉ. टेलेक सिंह ने 19 नवंबर को अपने पिता के जन्मदिन को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के रूप में मनाया था।
- अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के बारे में जागरूकता लाने में भारतीय पुरुष अधिवक्ता उमा चल्ला का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 2007 में, उन्होंने उन दर्दनाक व्यवहारों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जो पुरुष विरोधी कानूनी व्यवस्था में पीड़ित हैं।
- उमा चल्ला बैंगलोर में स्थित प्रसिद्ध ‘सेव द इंडियन फैमिली फाउंडेशन’ गैर-लाभकारी संगठन सहित कई संगठनों की संस्थापक हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2020 की थीम
- अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2020 की थीम का विषय “Better Health for Men and Boys” रखा गया है।
- इस थीम का मकसद उन पुरुषों और लड़कों को महत्व देने और मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है जो विश्व स्तर पर पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम और सुधार कर रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व
- अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने हेतु मनाया जाता है।
- अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की वेबसाइट के अनुसार, दुनिया में महिलाओं की तुलना में पुरुष 3 गुना अधिक आत्महत्या करते हैं।
- साथ ही, हर तीन में से एक आदमी घरेलू हिंसा का शिकार है।
- यह भी पाया गया कि महिलाओं की तुलना में दोगुने से अधिक पुरुष हृदय रोग से पीड़ित हैं।
(सोशल मीडिया से)