पेंशन स्कीम में हो सकता है बड़ा बदलाव।

वर्तमान नेशनल पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 10% और सरकार को 14% योगदान करने की आवश्यकता होती है। अंतिम भुगतान उस कोष पर बाजार के रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर फेडरल डेट में निवेश किया जाता है। इसके विपरीत, ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी के अंतिम वेतन के 50% की निश्चित पेंशन की गारंटी मिलती है। दो अधिकारियों ने बताया कि सरकार वर्तमान स्कीम में संशोधन करने की योजना बना रही है ताकि कर्मचारी और सरकार दोनों अब भी योगदान दें और कर्मचारियों को पेंशन के रूप में उनके अंतिम वेतन का 40% -45% सुनिश्चित किया जा सके। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह पुरानी पेंशन स्कीम में वापस नहीं जा रहे हैं। दोनों सूत्रों का कहना है कि सरकार का मानना है कि यह उन राज्यों की चिंताओं को भी दूर करेगा जो पुरानी पेंशन सिस्टम में वापस चले गए हैं और पूरे देश को एक वित्तीय रूप से स्थायी पेंशन योजना के साथ कवर किया जाएगा।
2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष ओपीएस का खेलेगा दांव?
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अब महज कुछ ही महीनों का समय बचा हुआ है। बीजेपी के अलावा, कांग्रेस भी चुनावी रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल लोकसभा चुनाव में ओपीएस जैसा कोई दांव खेल सकते हैं। इसके पीछे हिमाचल जैसे राज्यों में मिली जीत है। कांग्रेस ओपीएस को राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश में लागू कर चुकी है, जबकि भगवंत मान की पंजाब सरकार ने इसे पंजाब में भी लागू किया है। दरअसल, हर राज्य में लाखों रिटायर्ड कर्मचारी हैं और विपक्षी दल उन्हें अपनी ओर खींचने के लिए ओपीएस को लागू करने जैसे वादे कर रहे हैं। अब लोकसभा चुनाव में भी ओपीएस के मुद्दे पर बीजेपी को ज्यादा नुकसान न हो जाए, माना जा रहा है कि इसी वजह से केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्कीम में बड़े बदलाव करके रिटायर्ड कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन का तोहफा दे सकती है।(एएमएपी)



