ईडी की जांच में सामने आया है कि बीएमसी ने कोविड की जो दवाएं खरीदी थीं, वह बाजार में 25 से 30 फीसदी तक सस्ती थी। मतलब बीएमसी ने बहुत ज्यादा दामों पर कोरोना की दवाओं की खरीद की थी। हैरानी की बात ये है कि इस तरह के नोटिस जारी होने के बाद भी बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने लापरवाही की।
सूत्रों में मुताबिक ईडी की जांच में ये भी सामने आया है कि लाइफलाइन जंबो कोविड सेंटर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की तैनाती BMC की बिलिंग में दिखाई गई तैनाती से 60-65% कम थी। बिलिंग के लिए कंपनी उन डॉक्टरों के नाम उपलब्ध कर रही थी, जो लाइफलाइन जंबो कोविड सेंटर के संबंधित कोविड केंद्रों पर गलत तरीके से काम कर रहे थे या फिर काम ही नहीं कर रहे थे।
एक अधिकारी ने कहा कि ईडी ने महानगर में जंबो कोविड केयर सेंटर की स्थापना में अनियमितताओं की जांच को लेकर गुरुवार को मुंबई नागरिक निकाय के केंद्रीय खरीद विभाग में पड़ताल की। अधिकारी ने बताया कि ईडी की टीम ने बीएमसी के सेंट्रल पर्जेस डिपार्टमेंट यानी CPD पहुंची। इस दौरान सुजीत पाटकर के साथ ही तीन अन्य भागीदारों से संबंधित फर्म को दिए गए टेंडर और कॉन्ट्रैक्ट से संबंधित डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई।
ईडी ने बुधवार को कोविड घोटाले के मामले में जो छापेमारी की थी, उसमें भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया है। जानकारी के मुताबिक करीब 150 करोड़ की 50 से अधिक अचल संपत्तियों के डॉक्यूमेंट्स, 15 करोड़ रुपये की ज्वैलरी, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और विभिन्न आपत्तिजनक रिकॉर्ड/दस्तावेजों के साथ 2।46 करोड़ रुपये जब्त किए गए है। ईडी ने बुधवार को पाटकर के आवास सहित 15 स्थानों की तलाशी ली थी। बता दें कि सुजीत पाटकर को शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत का करीबी माना जाता है।

अधिकारियों ने बताया कि जिन अन्य स्थानों पर छापेमारी की गई है। उनमें IAS के अधिकारी संजीव जयसवाल और शिव सेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण से जुड़ी साइटें भी शामिल हैं। मुंबई पुलिस ने पिछले साल अगस्त में पाटकर और उनके तीन भागीदारों के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था।
ईडी को मिली सूरज चव्हाण की इन लोगों के साथ की गई चैट
सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारियों को कोविड सेंटर घोटाला मामले में आजाद मैदान पुलिस की एफआईआर में आरोपियों के साथ सूरज चव्हाण की चैट मिली है। चव्हाण ने ये चैट संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर, पाटकर के साथी और लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के डॉ. हेमंत गुप्ता, आरोपी राजू सालुंखे और संजय शाह के साथ की थी। जानकारी के मुताबिक चव्हाण ने कोई पिछला अनुभव न होने के बावजूद लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज को कॉन्ट्रैक्ट देने के फैसले को प्रभावित किया था। चव्हाण आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी हैं और ठाकरे फिलहाल चव्हाण से मिलने उनके आवास पर गए थे। वहीं ईडी को बीएमसी के कोविड सेंटर को ठेके देने के मामले में चव्हाण पर संदेह है।
आईएएस संजीव जयसवाल के नाम मिली 100 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी
ईडी ने बुधवार को कोविड सेंटर घोटाले के सिलसिले में तलाशी ली थी 15 से अधिक स्थानों पर छापे मारे थे। इस दौरान आईएएस अधिकारी संजीव जयसवाल के आवास पर भी छापेमारी की गई थी। संजीव जायसवाल वर्तमान में म्हाडा के उपाध्यक्ष हैं। जबकि वह कोविड काल में बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त थे। तलाशी के दौरान ईडी के अधिकारियों को जायसवाल के परिवार के सदस्यों के नाम पर कई संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। जानकारी के मुताबिक ऐसी 24 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं, जो ज्यादातर मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य महत्वपूर्ण शहरों में हैं। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त बनने से पहले जयसवाल ठाणे नगर आयुक्त थे।
ईडी अधिकारियों को उनके आवास से लगभग 100 करोड़ रुपये की अनुमानित 24 संपत्तियों के दस्तावेजों के अलावा 15 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी के दस्तावेज भी मिले हैं। वहीं, जयसवाल ने कहा कि संपत्ति लगभग 34 करोड़ रुपये की थी और यह उनके ससुर की हैं, जिन्होंने उनकी पत्नी को गिफ्ट की थी। उन्होंने दावा किया कि ये एफडी भी उनके ससुर ने उनकी पत्नी को उपहार में दी थीं।(एएमएपी)



