आपका अखबार ब्यूरो।
केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के तमिलनाडु दौरे से सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के खेमे में खलबली है। अन्ना द्रमुक अभी तय नहीं कर पाया है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा से तालमेल करना है या नहीं। पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि भाजपा के चुनाव पूर्व गठबंधन से पार्टी को नुक्सान हो सकता है। अमित शाह राज्य में भाजपा संगठन की चुनाव तैयारी की समीक्षा करने शनिवार को पहुंचेंगे। वे विधानसभा चुनाव तक हर महीने तमिलनाडु में आएंगे।
अन्ना द्रमुक की परेशानियां
अन्ना द्रमुक के सामने कई चुनौतियां हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण वह भाजपा से संबंध बनाए रखना चाहती है। पर समझ नहीं पा रही कि मतदाताओं पर इसका क्या असर होगा। भाजपा की वेल यात्रा रोककर उसने पार्टी को नाराज कर दिया है। अन्ना द्रमुक के मुख पत्र में छपा है कि यात्रा रोकने का कारण यह है कि राज्य सरकार नहीं चाहती कि धर्म के आधार पर मतभेद पैदा किए जायं। भाजपा भगवान मुरुगन के नाम पर यात्रा निकाल रही थी। इससे दोनों दलों के बीच पिछले कुछ दिनों से मनमुटाव चल रहा है।
सत्तारूढ़ दल की दूसरी परेशानी यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक नेता जयललिता की सहेली शशिकला जनवरी में जेल से बाहर आ रही हैं। उन्होंने जुर्माने के रूप में दस करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं। तय है कि शशिकला गुट विधानसभा चुनाव में उतरेगा और उसके निशाने पर द्रमुक से ज्यादा अन्ना द्रमुक होगा। शशिकला गुट की कोशिश होगी कि वे अपने को जयललिता की राजनीतिक वारिस और असली अन्ना द्रमुक साबित कर सकें। मुख्यमंत्री ई पलनी स्वामी ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शशिकला के बाहर आने से अन्ना द्रमुक पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भाजपा की तैयारी
भाजपा की कोशिश है कि के करुणानिधि के बेटे एम के अड़गिरी उसके साथ आ जाएं। पर खबर यह है कि वे अपनी पार्टी बनाना चाहते हैं। उस हालत में भी भाजपा चाहेगी कि दोनों दलों में चुनावी तालमेल हो जाए। भाजपा इस बार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर शोर से कर रही है। इसीलिए प्रदेश भाजपा नेता सीटी रवि को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है। भाजपा फिल्म अभिनेत्री खुशबू को कांग्रेस से तोड़कर लाई है।
रजनीकांत से निराशा
भाजपा को सबसे ज्यादा निराशा हाथ लगी है सुपर स्टार रजनीकांत से। रजनीकांत ने कह दिया है कि वे कोरोना के दौर में राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं होंगे। भाजपा को रजनीकांत से बहुत उम्मीदें थीं। रजनीकांत ने राजनीति में आने की घोषणा के बाद से संकेत दिए थे कि वे भाजपा के प्रति नरम हैं। रजनीकांत का किसी भी रूप में भाजपा को समर्थन उसके लिए बहुत मददगार होगा।